नई दिल्ली, 12 नवम्बर (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के बयान के मामले में शशि थरूर के खिलाफ वारंट जारी किया है। दरअसल शशि थरूर न तो कोर्ट में खुद पेश हुए और न ही उनकी ओर से पेशी से छूट के लिए कोई वकील पेश हुआ। उसके बाद कोर्ट ने शशि थरूर के खिलाफ पांच हजार रुपये के मुचलके वाला जमानती वारंट जारी किया।
इस मामले में पिछले 7 अगस्त को कोर्ट ने आरोप तय करने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले 25 जुलाई को शशि थरूर कोर्ट में पेश हुए थे और कोर्ट से कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। शशि थरूर ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें जो समन भेजा गया है, वो गलत है। पिछले 7 जून को कोर्ट ने शशि थरूर को जमानत दी थी। कोर्ट ने 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी।
पिछले 27 अप्रैल को कोर्ट ने शशि थरुर को बतौर आरोपी समन जारी किया था। कोर्ट 16 नवम्बर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि शशि थरूर ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था, जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से। याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
राजीव बब्बर ने कहा है कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है।
याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है।