वक्फ संपत्तियों की शतप्रतिशत जियो टैगिंग एवं डिजिटाइजेशन के लिए युद्धस्तर पर चल रहा अभियान : नकवी

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नई दिल्ली स्थित केंद्रीय वक्फ परिषद् की 80वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वक्फ संपत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, सामुदायिक भवन आदि के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत शत-प्रतिशत फंडिग करने का निर्णय लिया है।



नई दिल्ली, 13 जून (हि.स.)। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि वक्फ संपत्तियों की 100 प्रतिशत जियो टैगिंग एवं डिजिटाइजेशन के लिए युद्धस्तर पर अभियान शुरू किया गया है। इससे देशभर में स्थित वक्फ सम्पत्तियों का सदुपयोग समाज की भलाई के लिए किया जा सकेगा।

नई दिल्ली स्थित केंद्रीय वक्फ परिषद् की 80वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वक्फ संपत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, सामुदायिक भवन आदि के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत शत-प्रतिशत फंडिग करने का निर्णय लिया है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देशभर में वक्फ सम्पत्तियों के समाज विशेषकर आर्थिक रूप से पिछड़ी लड़कियों के शैक्षिक सशक्तिकरण एवं रोजगारपरक कौशल विकास के लिए इस्तेमाल हेतु केंद्र सरकार ने युद्धस्तर पर अभियान चलाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार “प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम” के तहत देश के उन पिछड़े क्षेत्रों में सभी तबकों और विशेषकर लड़कियों की शिक्षा एवं रोजगारपरक कौशल विकास हेतु मूलभूत सुविधाएं पहुंचा रही है, जहां आजादी के बाद से यह सुविधाएं नहीं पहुंच पाई थीं। नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार “प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम” के तहत केंद्र सरकार देशभर में वक्फ सम्पत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, कौशल विकास केंद्र, बहु-उदेशीय सामुदायिक केंद्र “सद्भाव मंडप”, “हुनर हब”, अस्पताल, व्यावसायिक केंद्र, कॉमन सर्विस सेंटर आदि का निर्माण बड़े पैमाने पर कर रही है।

नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अल्पसंख्यकों के लिए देश के सिर्फ 100 जिलों तक सीमित विकास योजनाओं का विस्तार “प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम” के अंतरगर्त 308 जिलों में कर दिया है। देशभर में लगभग 5.77 लाख रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियां हैं, जिन्हें जियो टैगिंग और उनके रिकॉर्ड को डिजिटल किया जा रहा है। जियो टैगिंग एवं डिजिटलाइजेशन से वक्फ संपत्तियों को पारदर्शी एवं सुरक्षित तरीके से रखा जा सकेगा।

नकवी ने कहा कि वक्फ सम्पत्तियों के सम्बन्ध में नए दिशानिर्देशों के लिए जस्टिस (सेवानिवृत) ज़कीउल्लाह खान के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंप दी गई है। कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशें वक्फ संपत्तियों के सदुपयोग एवं दशकों से विवाद में फंसी सम्पत्तियों को विवाद से बाहर निकालने के लिए वक्फ नियमों को सरल एवं प्रभावी बनाएगी। केंद्र सरकार इस कमेटी की सिफारिशों पर आवश्यक कदम उठा रही है। नकवी ने कहा कि सेंट्रल वक्फ कौंसिल, वक्फ रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन हेतु राज्य वक्फ बोर्डों को आर्थिक मदद दे रही है ताकि सभी राज्य वक्फ बोर्ड, वक्फ सम्पत्तियों के डिजिटलाइजेशन का काम तय समय सीमा में पूरा कर सकें। वक्फ सम्पत्तियों की जीआईएस/जीपीएस मैपिंग के लिए आईआईटी रुड़की, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों द्वारा काम किया जा रहा है। 20 राज्यों के वक्फ बोर्डों में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की सुविधा मुहैया कराई गई है।


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