गुवाहाटी, 03 अक्टूबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को असम कैंसर संस्थान, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की उपस्थिति में पीईटी-एमआरआई विंग का उद्घाटन किया। इसके बाद जीएमसीएच सभागार में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि असम सरकार ने हमेशा राज्य के लोगों के लिए उन्नत स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी लाने के लिए प्रयास किया है।
ज्ञात हो कि उप राष्ट्रपति नायडू पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर रविवार को गुवाहाटी पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने बताया कि यह पीईटी-एमआरआई विंग क्षेत्र में कैंसर के उपचार को काफी बढ़ाएगा। 62 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली यह परियोजना है। यह भारत की चौथी ऐसी पीईटी-एमआरआई मशीन है जिसे ‘टाइम ऑफ फ्लाइट’ तकनीक से लैस सरकारी क्षेत्र के अस्पताल में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह मशीन पीईटी-सीटी से तेज है और उन्नत कैंसर अनुसंधान गतिविधियों के लिए जरूरी है।
टाटा ट्रस्ट के साथ साझेदारी में स्थापित असम कैंसर केयर फाउंडेशन की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कैंसर रोगियों को समय पर और प्रभावी उपचार प्रदान करने के लिए फाउंडेशन के माध्यम से राज्य में एक विस्तृत कैंसर देखभाल मॉडल लागू कर रही है। इस मॉडल के तहत, एक शीर्ष रेफरल केंद्र है जो गुवाहाटी में है जिसे लेवल 1 कहा जाता है, सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े व्यापक कैंसर अस्पताल जिन्हें लेवल 2 कहा जाता है और डायग्नोस्टिक और डे केयर सेंटर जिला अस्पतालों से जुड़े हुए हैं जिन्हें लेवल 3 एस कहा जाता है।
डिस्ट्रिब्यूटेड कैंसर केयर मॉडल के तहत, मरीजों के घरों के करीब मानकीकृत और सस्ती कैंसर देखभाल देने के लिए रोगी-केंद्रित कैंसर संस्थान बनाने के लिए राज्य भर में 18 कैंसर अस्पताल स्थापित किए जा रहे हैं। इसके स्थापित होने से रोगियों को इलाज के लिए राज्य से बाहर की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी और कैंसर रोगियों के लिए अपनी जेब से पैसे भी कम खर्च करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया, “जैसा कि असम हर साल लगभग 52,000 नए कैंसर के मामलों की रिपोर्ट करता है, राज्य सरकार ने 2018 में टाटा ट्रस्ट के साथ कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जहां टाटा ट्रस्ट द्वारा उपकरण प्रदान किए जाते हैं और राज्य सरकार द्वारा नागरिक व्यवस्था का निर्माण किया जाता है। कोरोना महामारी के बावजूद हम समय से बहुत पीछे नहीं हैं और इन अस्पतालों का निर्माण मार्च 2022 तक पूरा होने जा रहा है। इसके अलावा, राज्य कैंसर संस्थान के पास कैंसर की देखभाल के लिए कुछ सबसे उन्नत उपकरण हैं जैसे टोमो-थेरेपी, लीनियर एक्सेलेरेटर, एमआरआई गाइडेड रैखिक त्वरक आदि।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत और अटल अमृत अभियान योजनाओं का लाभ उठाकर राज्य में गरीब और वंचित वर्गों को मुफ्त कैंसर का इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें ऐसे लगभग 92 प्रतिशत मरीज शामिल हैं। उन्होंने देश के प्रत्येक जिला में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण का भी उल्लेख किया और बताया कि असम सरकार राज्य के 23 जिलों में मेडिकल कॉलेज बना रही है।
उन्होंने कहा कि असम कोरोना संकट के दौरान अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करके मदद करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है और राज्य ने पूरे देश में असम के जरूरतमंद रोगियों को रेमेडिसविर इंजेक्शन प्रदान किए हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कोरोना के कारण अनाथ बच्चों, विधवाओं और अन्य परिजनों को खोने वाले परिवारों के लिए शुरू की गई वित्तीय सहायता योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम में राज्यपाल प्रो जगदीश मुखी, स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत, मुख्य सचिव जिष्णु बरुवा और अन्य सम्मानित व्यक्ति भी उपस्थित थे।