बिहार विधानसभाः पहले चरण की 35 नक्सल प्रभावित सहित 71 सीटों पर बुधवार को मतदान

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कोरोना महामारी के दौरान पहले चुनाव पर लगीं पूरे देश की निगाहें  नीतीश सरकार के 8 मंत्री, एक पूर्व सीएम समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर दो करोड़, 14 लाख, 6 हजार 96 मतदाता डालेंगे वोट 1,066 उम्मीदवार चुनाव मैदान में,  जिनमें 114 महिला और 952 पुरुष 16 जिलों में सुबह सात से शाम छह बजे तक डाले जाएंगे वोट नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुबह सात से शाम चार बजे तक ही डाले जाएंगे वोट पहले चरण में 31 हजार 380 मतदान केंद्र बनाये गये



पटना, 27 अक्टूबर (हि.स.)। कोरोना महामारी के दौरान हो रहे बिहार विधानसभा के चुनाव पर सबकी निगाहें लगी हैं।  पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर बुधवार सुबह सात बजे से कोविड गाइडलाइन के अनुपालन के साथ वोट डाले जायेंगे। पहले चरण की 71 सीटों में से 35 नक्सल प्रभावित मानी गयी हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुबह सात से शाम चार बजे तक वोट डाले जायेंगे जबकि अन्य सीटों पर शाम छह बजे तक मतदान होगा। निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। पहले चरण के सभी बूथों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा हेलीकॉप्टर से भी निगरानी की जायेगी। इस काम के लिए दो हेलीकॉप्टर लगाये गये हैं।

शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के उद्देश्य से 28 अक्टूबर को इन क्षेत्रों में धारा 144 लागू रहेगी। सुबह पांच से शाम छह बजे तक सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन और आग्नेयास्त्र लेकर चलने पर रोक रहेगी। हालांकि मतदाता निजी वाहन से मतदान के लिए जा सकेंगे लेकिन निजी वाहन को मतदान केंद्र से 200 मीटर पहले रोकना होगा। पहले चरण में 31 हजार 380 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। दो करोड़, 14 लाख, 6 हजार 96 मतदाता अपने अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। पहले चरण में 1,066 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 114 महिला और 952 पुरुष हैं। राजद के 42, जदयू के 35, भाजपा के 29,  कांग्रेस के 21, रालोसपा के 43, लोजपा के 42, बसपा के 27  माले के आठ, हम के छह और वीआईपी के एक उम्मीदवार हैं।

पहले चरण में कई सियासी दिग्गजों पर नजरें टिकी हैं। इनमें नीतीश सरकार के 8 मंत्रियों की साख भी दांव पर  है। इनमें चार भाजपा और चार जदयू कोटे के मंत्री है। इनमें कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, शिक्षा मंत्री कृष्नंदन वर्मा, ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश कुमार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जयकुमार सिंह, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा और अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री बृजकिशोर बिंद शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पूर्व मंत्री विजय प्रकाश, रामेश्वर चौरसिया, राजेंद्र सिंह, श्रेयसी सिंह, भगवान सिंह कुशवाहा, राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी और मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। इसके अलावा बाहुबली नेता एवं मोकामा से राजद प्रत्याशी अनंत सिंह, लोजपा से इस्तीफा देकर तरारी सीट से निर्दलीय लड़ रहे दबंग सुनील पांडेय के भाग्य फैसला भी होगा।

इन 71 विधानसभा सीटों पर डाले जायेंगे वोट

28 अक्टूबर को पहले चरण की जिन सीटों पर मतदान होंगे उनमें कहलगांव, सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया (एससी), बांका, कटोरिया (एसटी), बेलहर, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़ा, लखीसराय, शेखपुरा, बरबीघा, मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी (एससी), पालीगंज, बिक्रम, संदेश, बड़हरा, आरा, अगिआंव (एससी), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर, ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर (एससी), रामगढ़, मोहनियां (एससी), भभुआ, चैनपुर, चेनारी (एससी), सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, डेहरी, काराकट, अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोसी, मखदुमपुर (एससी), गोह, ओबरा, नबीनगर, कुटुम्बा (एससी), औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज (एससी), बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, टेकारी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, रजौली (सुरक्षित), हिसुआ, नवादा, गोविंदपुर, वरसलीगंज, सिकंदरा (एससी), जमुई, झाझा और चकाई शामिल हैं।

ये हैं 35 नक्सल प्रभावित सीटें  

पहले चरण की 71 सीटों में से 35 नक्सल प्रभावित हैं। जिन क्षेत्रों को नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है उनमें कटोरिया, बेलहर, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़ा, मसौढ़ी, पालीगंज, चैनपुर, चेनारी, सासाराम, काराकाट, गोह, ओबरा, नबीनगर, कुटूंबा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, कुर्था, अरवल, घोसी, जहानाबाद, मखदुमपुर, शेरघाटी, इमागंज, बाराचट्टी, बोधगया, टिकारी, गोविंदपुर, रजौली, सिकंदरा, जमुई, झाझा और चकाई शामिल हैं।

 


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