विवेक ओबेरॉय ने बॉलीवुड में संघर्ष से लेकर सफल बिजनेसमैन तक के सफ़र का किया खुलासा
विवेक ओबेरॉय ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने ‘चॉकलेट बॉय’ दिनों से लेकर बॉलीवुड में संघर्ष करने और एक सफल बिजनेसमैन बनने तक के अपने पूरे सफर का खुलासा किया है। उन्होंने कहाकिमैंने अपने करियर के पिछले 22 वर्षों में लगभग 67 प्रोजेक्ट्स में काम किया है, लेकिन आप इस इंडस्ट्री के बारे में किसी तरह की गारंटी नहीं दे सकते।
विवेक ओबेरॉय ने 2002 में रिलीज हुई फिल्म ‘कंपनी’ से मनोरंजन जगत में कदम रखा। इसके बाद आई फिल्म ‘साथिया’ में विवेक को रोमांटिक हीरो का किरदार देखने को मिला लेकिन कड़ी मेहनत के बावजूद विवेक को कई सालों तक फिल्म इंडस्ट्री से दूर रहना पड़ा। इसके बाद एक्टर ने मनोरंजन जगत से पूरी तरह ब्रेक ले लिया और एक नई फील्ड में अपनी किस्मत आजमाई। विवेक ओबेरॉय अपने बेहतरीन अभिनय के कारण आज एक प्रमुख बिजनेसमैन के रूप में जाने जाते हैं।
विवेक ओबेरॉय ने कहा कि आप बहुत अच्छा काम करते हैं, आप पुरस्कार जीतते हैं, आप अपना काम सच्चे दिल से करते हैं, आप एक अभिनेता के रूप में सब कुछ करते हैं, लेकिन इसके बावजूद आपको कुछ अलग-अलग कारणों से काम नहीं दिया जाता है। 2007 में मैंने फिल्म ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ में काम किया और गाना ‘गणपत…’ वायरल हो गया। मुझे पुरस्कार भी मिले। मैंने सोचा था कि उसके बाद मुझे बहुत काम मिलेगा, लेकिन मुझे निराशा हुई कि मुझे कोई काम नहीं मिला। फिल्म की सफलता के बावजूद मैं 14 से 15 महीने तक घर पर ही बैठा रहा। 2009 में मैंने मन बना लिया कि हम इस इंडस्ट्री पर पूरी तरह निर्भर नहीं रह सकते, हमें कोई वैकल्पिक रास्ता सोचना ही होगा। मैंने आर्थिक जरूरतों के लिए खुद कुछ करने का सोचा।’ मैं ऐसी स्थिति में नहीं आना चाहता था, जहां एक लॉबी गुटबाजी आपका करियर तय करे। मैं अपना खुद का कुछ चाहता था, सिवाय इसके कि कुछ लोग आपको धमका रहे थे, आपको कुछ चीजें करने के लिए नियंत्रित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सिनेमा मेरा जुनून है, लेकिन बिजनेस करना हमेशा से मेरा प्लान ‘बी’ था। मैं बचपन से ही बिजनेस, वित्तीय निवेश के बारे में बहुत कुछ जानता था। इसलिए मैंने बिजनेस का रास्ता चुना और इस गुटबाजी से दूर चला गया। यदि आप आज अच्छे निर्णय लेते हैं, तो कल आपका जीवन आसान हो जाएगा। हमें कुछ भी न करने के लिए भगवान और भाग्य को दोष नहीं देना चाहिए। अब मैं अपने लिए जीता हूं। मैं पहले हर चीज़ के बारे में बहुत सोचता था, लेकिन अब मैं ज़्यादा दबाव नहीं लेता। कड़ी मेहनत के बाद जीवन हमेशा आपको सही दिशा दिखाता है।