राष्ट्रपति सचिवालय ने घोषित किए विजिटर्स अवार्ड-2019

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इस वर्ष यह अवार्ड खासकर ह्यूमेनिटीज, कला और सामाजिक विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास में अनुसंधान के लिए प्रदान किए जाएंगे।



नई दिल्ली, 09 सितम्बर (हि.स.)। राष्‍ट्रपति सचिवालय ने सोमवार को विजिटर्स अवार्ड-2019 प्राप्‍त करने वालों के नामों की घोषणा कर दी। राष्‍ट्रपति जल्‍द ही राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में ये अवार्ड प्रदान करेंगे। इस वर्ष यह अवार्ड खासकर ह्यूमेनिटीज, कला और सामाजिक विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास में अनुसंधान के लिए प्रदान किए जाएंगे।

राष्ट्रपति सचिवालय ने जारी विज्ञप्ति में बताया है कि ह्यूमेनिटीज, कला और सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान के लिए विजिटर्स अवार्ड पंद्दुचेरी विश्‍वविद्यालय के एप्‍लाइड साइकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सिबनाथ देब को प्रदान किया जाएगा। उन्‍हें यह अवार्ड बाल संरक्षण विशेष रूप से बाल शोषण और उपेक्षा, छात्रों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य और एचआईवी व एड्स के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए दिया जा रहा है।

भौतिक विज्ञान में अनुसंधान के लिए यह अवार्ड जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (जेएनयू) के भौतिक विज्ञान स्‍कूल के प्रोफेसर संजय पुरी को प्रदान किया जाएगा। जीव विज्ञान में अनुसंधान के लिए यह अवार्ड अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय (एएमयू) के अंतरविषयी जैव-प्रौद्योगिकी इकाई के प्रोफेसर असद उल्‍ला खान को भारत में एंटी माइक्रोबियल रेजिस्‍टेंस (एएमआर) और एएमआर के फैलने और नियंत्रण की कार्यप्रणाली के लिए तथा जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय के नैनोसाइंस के विशेष केन्‍द्र में कार्यरत डॉ. प्रतिमा को संयुक्‍त रूप से प्रदान किया जाएगा। डॉ. प्रतिमा ने नैनोबायोसेंसर और नैनोबायोइन्‍ट्रेक्‍शन में उल्‍लेखनीय अनुसंधान किया है।

प्रौद्योगिकी विकास के लिए विजिटर्स अवार्ड त्रिपुरा विश्‍वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉ. शॉन रे चौधरी को प्रदान किया जाएगा। डॉ. चौधरी को यह अवार्ड बायोफर्टिलाइजर में डेयर अपशिष्‍ट जल के रूपांतरण के लिए माइक्रोबियल बॉयोफिल्‍म रिएक्‍टर विकसित करने के लिए दिया जा रहा है।

प्रत्‍येक श्रेणी के लिए सभी केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों से अवार्ड प्राप्‍तकर्ताओं के चयन के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। राष्‍ट्रपति के सचिव संजय कोठारी अवार्ड चयन समिति के अध्‍यक्ष हैं। केन्द्रीय विश्‍वविद्यालयों में स्‍वस्‍थ प्रतियोगिताओं और उन्‍हें पूरे विश्‍व की श्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए यह अवार्ड 2014 में स्‍थापित किए गए थे। तब से विभिन्‍न श्रेणियों में ये अवार्ड हर वर्ष प्रदान किए जाते हैं।

 


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