देवभूमि पर भोजपुरी अंदाज में मनोज तिवारी ने लूटी विरासत की महफिल, उत्तराखंडी गीत पर थिरके लोग
देहरादून : भोजपुरी गायक मनोज तिवारी ने शुक्रवार की रात विरासत महोत्सव में खूब रंग जमाया और देर रात तक उत्तराखंडी गीत पर लोग खूब थिरके। गायक मनोज तिवारी ने भोजपुरी अंदाज में संगीत की सुरों से विरासत की महफिल लूटी और महोत्सव को यादगार बनाया।
मुख्य अतिथि ओएनजीसी के सीवीओ रंजन प्रकाश ठाकुर व पूर्व विदेश सचिव भारत सरकार श्याम सरन ने शुक्रवार को विरासत महोत्सव की संध्या कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। विरासत महोत्सव में दुनिया के विभिन्न देश के स्टाल सजे हैं, जो बच्चों, महिलाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मेले में खाने-पीने, मनोरंजन से लेकर हरेक सामान सजे हैं। सांस्कृतिक मंच पर भोजपुरी गायक मनोज तिवारी के आते ही महफिल जुट गई। गायक मनोज तिवारी ने देवभूमि पर भोजपुरी अंदाज में भारतीय संस्कृति के साथ समृद्ध भारत की विरासत से परिचित कराया। साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान किया। मनोज तिवारी के भोजपुरी गीत- चदरिया झीनी रे झीनी…झीनी रे झीनी पर लोग मदमस्त होकर जमकर झूमे। भोजपुरी के मशहूर गायक मनोज तिवारी ने संध्या में चार चांद लगा दिए। उनके भोजपुरी गीत विरासत के मेहमानों के लिए बहुत ही पसंदीदा बने। प्रसिद्ध कलाकार मनोज तिवारी के भोजपुरी गीत आकर्षक प्रस्तुति के साथ मंच की शोभा बढ़ा रहे थे। निमिया के डाल मईया लावेली झुलुहवा हो की झूली रे झूली… अरे, अइसन मनोहर, मंगल मूरत सुहावन, सुंदर सूरत हो, ए राजा जी…ए राजा जी…ए राजा जी, एकरे त रहल… के साथ बिहार के लोकप्रिय पर्व छठ के ऊपर भी हे छठी मैया… गाना गया। ठंडो रे ठंडो, मेरा पहाड़े की हवा ठंडी, पाणी ठंडो..ठंडो रे ठंडो, मेरा पहाड़े की हवा ठंडी, पाणी ठंडो…. पहाड़ी गाना गया। अंत में उत्तराखंडी अंदाज में उत्तराखंडी गीत पर लोगों को झूमने-नाचने को मजबूर कर दिया। उनके साथ संगीतकारों की कुशल टीम ने साथ दिया। संगीतकार बैंजो पर शंकर वर्मा, कीबोर्ड पर बबलू आलम, पैड पर वीरेंद्र श्रीवास्तव, पर्क्यूशन और टीम मैनेजर प्रभुनाथ राय दधी तबला पर, ज्ञान मिश्रा ढोलक पर, मोतीलाल शर्मा कोरस पर, वायरल विकास और लालू प्रसाद रहे।