अगली लड़ाई स्वदेश में विकसित हथियारों से होगी : जनरल विपिन रावत

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रावत ने कहा कि हथियारों और गोला-बारूद के मामले में भारत दुनिया के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। पिछले कुछ सालों से इस स्थिति में बदलाव आ रहा है।



नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि सशस्त्र बलों में स्वदेशी प्रौद्योगिकी को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश अगला युद्ध स्वदेशी प्रौद्योगिकी के जरिए ही लड़ेगा और जीतेगा।

जनरल रावत ने 41वें डीआरडीओ निदेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भविष्य की लड़ाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकी का विकास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में युद्ध आमने-सामने की बजाय साइबर क्षेत्र, अंतरिक्ष, लेजर, इलेक्ट्रॉनिक, रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में होंगे, जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है। इसके लिए हमें आज ही सोचना शुरू करना होगा वरना देरी हो जाएगी।

उन्होंने पिछले कुछ दशकों में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की उपलब्धियों के लिए उसकी तारीफ की और कहा कि भारत अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में नये कीर्तिमान गढ़ रहा है।

रावत ने कहा कि हथियारों और गोला-बारूद के मामले में भारत दुनिया के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। पिछले कुछ सालों से इस स्थिति में बदलाव आ रहा है। डीआरडीओ सेना की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में प्रयास कर रहा है।

यहां डीआरडीओ भवन में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विशिष्ट अतिथि थे। इस अवसर पर इनके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरके एस भदौरिया, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह तथा डीआरडीओ के प्रमुख जी सतीश रेड्डी भी उपस्थित थे।

रक्षा मंत्री ने शुरुआत में डीआरडीओ परिसर में स्थित पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

 


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