लखनऊ, 23 दिसम्बर (हि.स.)। लखनऊ को हिंसा की आग में झोंकने वाले उपद्रवियों द्वारा दिए गये अंजाम को परत-दर-परत खुलती जा रही है। अभी खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यहां लोगों को भड़काने के लिए कश्मीर से पत्थरबाज बुलाए गये थे। बुधवार को ही ये पत्थरबाज लगभग 75 की संख्या में यहां आ गये थे और इन्हें विभिन्न होटलों में ठहराया गया था। यह भी पता चला है कि उपद्रव कराने की तैयारी दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में ही हो गयी थी। खुफिया विभाग समय रहते इसकी जानकारी क्यों नहीं जुटा पाई, पुलिस समय रहते सतर्क क्यों नहीं हो पाई, इसकी भी जांच चल रही है। इस जांच के बाद कुछ बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
सर्विलांस के जरिए पड़ताल में चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हिंसा भड़काने के लिए कश्मीर से पत्थरबाजों को बुलाया गया था। यह बात सर्विलांस के माध्यम से किए गये पड़ताल से पता चला है। यह भी पता चला है कि वहां से लगभग 75 पत्थरबाज बुलाए गये थे, जिन्हें अलग-अलग होटलों, लॉज व अन्य स्थानों पर ठहराया गया था। इनके रुकने की व्यवस्था एक प्रोफेसर ने की थी। जांच में यह भी सामने आया है कि इन लोगों को पहले से ही अलग-अलग इलाकों में उपद्रव फैलाने की जिम्मेदारी दी गयी थी। उपद्रव शुरू हो जाने के बाद बाहर से आए युवक भाग निकले। हालांकि इस संबंध में पुलिस अभी खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। एसएसपी के पीआरओ का कहना है कि इसके बारे में विवेचना के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है।
उपद्रव के लिए एक भड़काऊ पत्र भी वायरल किया गया था, जिसमें मुसलमानों के लिए लिखा गया था कि अब ‘करो या मरो’ की बारी है। यदि अब नहीं किये तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा। यह पत्र सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाया गया। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही बाहरी उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उधर शासन स्तर पर भी पुलिस द्वारा की गयी चूक की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट के बाद कुछ बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।