विकास दुबे मुठभेड़: अखिलेश का हमला, बोले कार नहीं पलटी राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई

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मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय का कटाक्ष, कहा कुछ लोगों को अपराधियों से सहानुभूति की होती है आदत प्रियंका बोलीं, अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?



लखनऊ, 10 जुलाई (हि.स.)। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित विकास दुबे के शुक्रवार सुबह कानपुर में मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। अखिलेश उज्जैन में विकास की नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी के बाद से ही इस मामले पर सवाल उठा रहे थे। उन्होंने कहा था कि खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।
वहीं अखिलेश यादव के ट्वीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युजंय कुमार ने आज पलटवार करते हुए कहा कहा कि अपराधी सिर्फ अपराधी होता है इस पर राजनीति मत करिए कुछ लोगों को अपराधियों से सहानुभूति की आदत होती है।
जबकि कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?  इससे पहले उन्होंने कल कहा था कि कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। उन्होंने कहा कि अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
प्रियंका ने कहा कि तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं। यूपी सरकार को मामले की सीबीआई जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगजाहिर करना चाहिए।
इससे पहले कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित गैंगस्टर विकास दुबे आज कानपुर में एक मुठभेड़ में मारा गया। अधिकारियों के मुताबिक उज्जैन से कानपुर आ रही उत्तर प्रदेश एसटीएफ की गाड़ी के रास्ते में पलटने के बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की। गाड़ी पलटने के बाद विकास ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर पुलिस पर गोली चलाई। जवाबी फायरिंग में विकास गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मियों घायल हुए हैं।
कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से ही विकास फरार चल रहा था। वह गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में पकड़ा गया था। इसके बाद विकास को रिमांड पर लेकर उप्र एसटीएफ उज्जैन से वापस कानपुर लौट रही थी।

 


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