अमरावती, 21 जनवरी (हि.स.)। आंध्र प्रदेश विधानसभा में देर रात शोर-शराबे के बीच जगनमोहन रेड्डी मंत्रिमंडल ने राज्य की तीन राजधानियों वाला विधेयक पेश किया और ध्वनि मत से पारित हो गया। लेकिन विपक्ष का विरोध लगातार जारी है। आज मंगलवार को अमरावती और उसके आसपास के 30 गांवों में बंद रखा गया है।
विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि प्रदेश के कल्याण के लिए तीन राजधानी बनाई जाएगी और राज्य के सर्वांगीण विकास का सरकार का लक्ष्य है। अमरावती प्रदेश की विधायी राजधानी होगी, जबकि विशाखापत्तनम कार्यकारी और कुर्नूल न्यायिक राजधानी होगी। रेड्डी ने कहा कि विपक्ष के नेता राज्य के लोगों को धोखा दे रहे हैं और गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। तेलगू देशम पार्टी ने राजधानी के नाम पर रियल एस्टेट का धंधा किया।
रेड्डी ने कहा कि अमरावती के विकास पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। वह कृष्णा जिला से कई सदियों से जुड़े हैं। उनकी मौसी कृष्णा जिले की रहने वाली हैं और उनकी पार्टी के 31 विधायकों में से 28 विधायक कृष्णा जिले से चुने गए हैं। अमरावती को नजरअंदाज करने का सवाल ही नहीं उठता। रेड्डी ने कहा कि प्रदेश के कल्याण के लिए ही तीन राजधानियां बनाई जा रही हैं। तीन राजधानी के कारण किसी भी क्षेत्र को नुकसान नहीं होगा।
इससे पहले चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा है कि जोनल डेवलपमेंट बोर्ड स्थापित किया जाएगा, जिससे पूरे राज्य के विकास के लिए यह बोर्ड काम करेगा। अमरावती विधि राजधानी होगी, विशाखापत्तनम कार्यकारी राजधानी बनाई जाएगी और अर्बन डेवलपमेंट एरिया राजधानी। उन्होंने सदन को बताया कि राजभवन और राज्य का सचिवालय विशाखापत्तनम में स्थानांतरित किया जाएगा।
बिल पारित करने से पहले विपक्ष के नेता चंद्रबाबू नायडू ने भी चर्चा में भाग लिया और विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि तीन राजधानी स्थापित करने से राज्य का विकास नहीं होगा। इस मुद्दे पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और शोर-शराबा के बीच विपक्ष को निलंबित कर दिया गया। जो लोग विरोध कर रहे थे, उन्हें मार्शल बाहर उठा ले गए। इसके बाद बाहर मुख्यमंत्री के काफिले को भी रोकने का प्रयास किया गया। अंतत: निलंबित विधायकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें गुंटूर जिले के मंगलम पल्ली पुलिस थाने में देर रात तक रखा। उसके बाद रिहा कर दिया गया।
इन तमाम घटनाचक्रों के मद्देनजर अमरावती और उसके आसपास के 30 गांव में आज मंगलवार को बंद रखा गया है। तनाव जारी है। वहीं आज तीन राजधानी विधेयक को विधान परिषद में रखा जाएगा, जहां विपक्ष इस बिल को रोकने में कामयाब हो सकता है। वैसे राज्य सरकार सूत्रों के अनुसार अगर विधेयक पारित नहीं होता है तो राज्य सरकार विधान परिषद को ही भंग कर सकती है।