विधानसभा में गूंजा तृणमूल नेताओं की रिश्वतखोरी का मुद्दा

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राज्यपाल के अभिभाषण पर सोमवार को विधानसभा में विस्तार से चर्चा हुई। तृणमूल कांग्रेस के नौ और विपक्ष के 10 विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लिया। कांग्रेस विधायक सुखविलास वर्मा ने कहा कि राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की जिन उपलब्धियों के बारे में जिक्र किया वास्तव में वैसा कुछ हुआ ही नहीं।



कोलकाता, 24 जून (हि.स.) । सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन को दिलाने की एवज में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा रिश्वत के तौर पर ली गई रकम ‘कटमनी’ का मुद्दा सोमवार को राज्य विधानसभा में जोरशोर से उठा। विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश की। इसके अलावा राज्यपाल के अभिभाषण पर करीब चार घंटे तक चर्चा हुई। विपक्ष ने अभिभाषण को वास्तविकता से परे बताया। विपक्ष का आरोप था कि राज्यपाल के अभिभाषण के जरिए राज्य सरकार ने जो उपलब्धियां गिनाई हैं, वह निराधार है।।
राज्यपाल के अभिभाषण पर सोमवार को विधानसभा में विस्तार से चर्चा हुई। तृणमूल कांग्रेस के नौ और विपक्ष के 10 विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लिया। कांग्रेस विधायक सुखविलास वर्मा ने कहा कि राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की जिन उपलब्धियों के बारे में जिक्र किया वास्तव में वैसा कुछ हुआ ही नहीं। उन्होंने कहा कि राज्यभर में सरकारी परियोजनाओं में तृणमूल के लोगों ने घूस लिया है। हर जगह सरकारी कार्यों के लिए कहीं अधिकारी घूस ले रहे हैं तो कहीं नेता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबूज साथी योजना के तहत एक करोड़ बच्चों को साइकिल दिए जाने के दावे करती रही हैं जबकि उनके विभाग के मंत्री ने विधानसभा में बताया है कि 2018 तक 63 लाख साइकिलें वितरित हुई हैं। ऐसे में लगता है कि इसमें भी धांधली हुई है?
सुखविलास ने कहा कि सबुज साथी के तहत साइकिल खरीदने के लिए बच्चियों के खाते में धनराशि हस्तांतरित की जाती है। जितनी भी धनराशि आवंटित हुई है वह पिछड़ा और आदिवासी कल्याण विभाग के आर्थिक कोष से वितरित की गई है जबकि कुल वितरित साइकिल में से 25 प्रतिशत हिस्सा भी आदिवासी समुदाय के लोगों को नहीं मिला है। इस परियोजना में भी सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े लोगों ने कटमनी ले लिया है। यह एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है जो पूरे राज्य में संगठित गिरोह के जरिए किया गया है।
विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता मनोज टिग्गा ने राज्य में बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के समय कई लोगों की हत्या हुई। कई पंचायतों पर भाजपा ने कब्जा जमाया है, लेकिन आज तक राज्य सरकार ने वहां बोर्ड नहीं बनाने दिया। उन्होंने कहा कि कटमनी लेने वाले तृणमूल नेताओं की वजह से राज्यभर की कई परियोजनाओं का अरबों रुपये सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े लोगों की जेब में चला गया है। खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा राशन आवंटन के लिए भी जो धनराशि आवंटित की जाती है उसमें भी धांधली हुई है।
टिग्गा ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही का आलम ऐसा है कि कई जगहों पर बच्चों के बीच वितरित करने के लिए रखी गई साइकिलों में जंग लग चुकी है, लेकिन उसे ना तो बच्चों को दिया गया और ना ही सरकार के किसी विभाग ने इसकी जिम्मेदारी ली। इस पर चर्चा के दौरान अनिसुर रहमान ने राज्यपाल के अभिभाषण में चिटफंड का जिक्र नहीं होने पर नाराजगी जताई।
कांग्रेस विधायक भूपेंद्रनाथ हालदार ने कहा कि पंचायत चुनाव के समय पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने बड़े पैमाने पर धांधली की। राज्यपाल के अभिभाषण में इसका कोई जिक्र नहीं था।
फॉरवर्ड ब्लॉक के इमरान रम्ज, आरएसपी के विश्वनाथ चौधरी, सीपीएम के रफीकुल इस्लाम मंडल, अशोक डिंडा कांग्रेस के मुस्ताक आलम ने भी चर्चा में भाग लिया।
इधर सत्तारूढ़ तृणमूल की ओर से विधायक ब्रजमोहन मजूमदार, समीर कुमार जाना, योगरंजन हालदार, अखिल गिरी, शिवली साहा, स्नेहाशीष चक्रवर्ती, श्रीकांत महतो, समरेश दास और शंकर दोलुई ने अभिभाषण का स्वागत किया। खास बात यह है कि राज्यपाल के अभिभाषण पर विधानसभा में चार घंटे चर्चा हुई, लेकिन इस दौरान सदन में  सत्तारूढ़ तृणमूल के विधायकों की उपस्थिति काफी कम रही। इसे लेकर कांग्रेस नेता मनोज चक्रवर्ती ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी का ध्यान आकृष्ट किया। जब राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हो रही थी तब सत्ता पक्ष के बेंच पर केवल तीन मंत्री उपस्थित थे। मंगलवार को भी राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि एक फरवरी को राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी का अभिभाषण हुआ था, जिस पर चालू सत्र में चर्चा हो रही है।

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