कॉरपोरेट सेक्टर व्हिसल ब्लोइंग को संरक्षण दे : उप राष्ट्रपति
नई दिल्ली, 18 जनवरी (हि.स.)। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कॉरपोरेट सेक्टर से आग्रह किया कि वे इस क्षेत्र में व्हिसल ब्लोइंग को प्रोत्साहन और संरक्षण देने की नीति अपनाए। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट गवर्नेंस के हर क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने से शेयर धारकों सहित सभी हितधारकों का भरोसा बढ़ेगा।
उप राष्ट्रपति आज भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के ई दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। सार्वजनिक धन का अपव्यय बचाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पूरे तंत्र में अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। कुछ लोगों द्वारा की गई अनियमितताओं के कारण पूरे भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर का नाम बदनाम हुआ है।
कंपनी सचिवों से कॉरपोरेट गवर्नेंस में नैतिकता और जवाबदेही के श्रेष्ठतम मानक सुनिश्चित करने को लेकर उप राष्ट्रपति ने कहा, “इस प्रोफेशन को मिशन के रूप में लिया जाना चाहिए।” आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था में तेज़ बढ़त की उम्मीद जताते हुए उप राष्ट्रपति ने भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर से अग्रणी भूमिका निभाने को कहा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टालिना जाॅर्वीवा के हाल के वक्तव्य का ज़िक्र किया जिसमें कहा गया है कि भारत द्वारा महामारी और उसके आर्थिक परिणामों के विरुद्ध निर्णायक कारगर कदम उठाए गए। उप राष्ट्रपति ने कहा कि महामारी और उसके आर्थिक प्रभावों को नियंत्रित रखने में भारत की स्थिति विकसित देशों सहित विश्व के अन्य देशों के मुकाबले कहीं बेहतर रही है। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में भारतीय कंपनी सचिव संस्थान जैसी इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जो कॉरपोरेट गवर्नेंस सुनिश्चित करते रहे हैं।
देश के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाते हुए, नायडू ने कहा कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है तो उसे पहचान कर उसे प्रोत्साहन देने की। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ लोगों के देश भारत में आत्मनिर्भर बनने की अपार संभावनाएं और साधन हैं।
कंपनी सचिवों को कंपनी की चेतना का प्रहरी बताते हुए उन्होंने आग्रह किया कि वे बिना किसी दबाव में आए, सदैव विधि और नैतिकता के प्रति निष्ठावान रहें। उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक परिदृश्य में कंपनी सचिवों का अलग स्थान रहा है तथा वे कॉरपोरेट गवर्नेंस के श्रेष्ठतम मानकों को सुनिश्चित करें।
नायडू ने कहा कि दिवालिया कानून ने आर्थिक सुधारों के एक नए युग का सूत्रपात किया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि दिवालिया कंपनियों के समाधान में कंपनी सचिव महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र, राज्य तथा स्थानीय निकायों को टीम इंडिया की भावना से साथ में मिलकर काम करना जरूरी है। संसद द्वारा पारित कानून भी अंततः स्थानीय प्रशासन द्वारा ही प्रभावी रूप से लागू किए जाते हैं। अतः ज़रूरी है कि स्थानीय स्तर पर गुड गवर्नेंस या प्रभावी सुशासन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारतीय कंपनी सचिव संस्थान द्वारा ग्राम पंचायतों में प्रशासन के लिए तैयार किये गए मॉडल कोड ऑफ गवर्नेंस ऑफ ग्राम पंचायत तथा चैरिटी गवर्नेंस का 12 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। इससे ग्राम पंचायत के स्तर पर प्रशासन को प्रभावी और कारगर बनाया जा सकेगा।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि कोई भी सभ्यता अपने अतीत को भुलाकर तरक्की नहीं कर सकती। उन्होंने युवाओं से अपेक्षा की कि अपने गौरवशाली अतीत और सभ्यतागत संस्कारों को गहराई से जानें।
पर्यावरण और मौसम परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि अपने निवेश की योजना बनाते समय हर कंपनी को पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
इस अवसर पर तेलंगाना के गृहमंत्री मुहम्मद महमूद अली, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के अध्यक्ष आशीष गर्ग, सचिव आशीष मोहन, संयुक्त सचिव अंकुर यादव भी उपस्थित रहे।