गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में अफगानिस्तान, वियतनाम, क्यूबा और वेनेजुएला के नेताओं के मिले उपराष्ट्रपति

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 उपराष्ट्रपति ने अफगानिस्तान, वियतनाम, क्यूबा और वेनेजुएला के साथ सभी क्षेत्रों में भारत के घनिष्ठ संबंधों को और सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।



नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अजरबेजान के बाकू में 18वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन के दौरान अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद अशरफ गनी, वियतनाम की उपराष्ट्रपति डांग थि एनजोक थिन्ह, क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डाज़-कैनेल बरमूडेज़ और के वेनेजुएला के बोलीवरियन गणराज्य के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो मोरोस के साथ बातचीत की। इन चार गणमान्य व्यक्तियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान, उपराष्ट्रपति ने अफगानिस्तान, वियतनाम, क्यूबा और वेनेजुएला के साथ सभी क्षेत्रों में भारत के घनिष्ठ संबंधों को और सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने डॉ मोहम्मद अशरफ गनी के साथ अपनी बातचीत में जोर देकर कहा कि भारत और अफगानिस्तान में घनिष्ठ और मैत्रिपूर्ण संबंध हैं, उन्होंने कहा कि लोगों के बीच परस्पर आदान-प्रदान ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत आधार प्रदान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक स्थिर, सुरक्षित, एकजुट, समावेशी और समृद्ध अफगानिस्तान का पक्षधर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत, अफगानिस्तान की सरकार और वहां के लोगों के साथ विकास साझेदारी में उनकी प्राथमिकताओं के अनुसार मिलजुल कर काम करना चाहता है।

नायडू ने 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के द्विपक्षीय व्यापार का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने चुनाव के सफल आयोजन के लिए अफगानिस्तान को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि इन चुनावों के परिणाम अफगानिस्तान में एकता, स्थिरता और शांति को बढ़ावा देंगे।

उपराष्ट्रपति ने आज बाकू में गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन और मंत्रिस्तरीय बैठक के अवसर पर वियतनाम की उपराष्ट्रपति डांग थि एनजोक थिन्ह के साथ भी मुलाकात की। उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों द्वारा दो सहस्राब्दी पुराने सभ्यता संबंधों और विश्वास और मित्रता के ऐतिहासिक बंधन को साझा करने की बात कही। उन्होंने मई 2019 में वियतनाम में वेसाक समारोह के 16वें संयुक्त राष्ट्र दिवस में अपनी भागीदारी का उल्लेख करते हुए वियतनाम में उनके प्रति गर्मजोशी भरी मेजबानी के लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया।

नायडू ने कहा कि वियतनाम 2020 में आसियान के अध्यक्ष का पदभार संभालेगा। वह न केवल एक भरोसेमंद मित्र है, बल्कि भारत की पूर्व की ओर देखो नीति का एक प्रमुख स्तंभ और आसियान में भारत के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण भागीदार भी रहा है। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक भागीदारी में आई गतिशीलता को बरकरार रखने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि को सुरक्षित बनाने में वियतनाम से सहयोग की इच्छा व्यक्त की।

उपराष्ट्रपति ने क्यूबा के राष्ट्रपति मिगेल डिआज़-कैनेल बरमूडेज़ के साथ अपनी बातचीत के दौरान कहा कि भारत और क्यूबा गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के संस्थापक सदस्य थे और दोनों देशों को सभी देशों की संप्रभु समानता, विकासशील देशों की एकता, विकासशील देशों के बीच आपसी सहयोग और समावेशी विकास के माध्यम से विकास जैसे गुटनिरपेक्ष सिद्धांतों की पक्षधरता करते रहना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने क्यूबा को चुनाव के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उपराष्ट्रपति ने क्यूबा की सुधार प्रक्रिया और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए संवैधानिक परिवर्तनों की भी सराहना की। उन्होंने पिछले महीने जिनेवा में यूएनएचआरसी की बैठक में जम्मू और कश्मीर पर भारत के पक्ष के लिए क्यूबा के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के जश्न में पूर्ण भागीदारी के लिए क्यूबा का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम कोरोस डी क्यूबा द्वारा स्मारक डाक टिकटों की लॉन्चिंग और हवाना (क्यूबा) के बॉटनिकल गार्डन में 150 पेड़ों के रोपण की सराहना करते हैं।”

उपराष्ट्रपति ने वेनेजुएला गणराज्य के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो मोरोस के साथ भी मुलाकात की। नायडू ने वेनेजुएला को गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) अध्यक्ष के रूप में उनके सफल कार्यकाल के लिए बधाई दी।

दुनिया भर में कई देशों के साथ रचनात्मक विकास भागीदारी के लिए विकासशील देश के बीच विशेष रूप से क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वेनेजुएला हमारे आईटीईसी कार्यक्रम में एक सक्रिय भागीदार था, जिसमें पिछले दो दशकों में भारत में प्रशिक्षित किए जा रहे 200 से अधिक वेनेजुएला के पेशेवर शामिल थे।

नायडू ने बहुपक्षीय संगठनों के चुनावों में भारतीय उम्मीदवारों के समर्थन के लिए वेनेजुएला का आभार व्यक्त किया और भारत के समर्थन के साथ, यूएनएचआरसी चुनावों में अपनी हालिया जीत के लिए देश को बधाई दी। उन्होंने 2021-22 के कार्यकाल के लिए यूएनएससी गैर-स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए वेनेजुएला का समर्थन भी मांगा। उपराष्ट्रपति ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन के दौरान नेपाल और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों के साथ कई मुद्दों पर सार्थक बातचीत की।

 


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