वेनेजुएला शासन से त्रस्त तीस हजार लोगों ने कोलंबिया में शरण ली
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो के शासन से त्रस्त तीस हजार लोगों ने शनिवार को पड़ोसी देश कोलंबिया में शरण ली। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार भुखमरी और जीवन की मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वेनेजुएला के चालीस लाख लोग पिछले चार सालों में देश छोड़ कर जा चुके हैं। मदुरो प्रशासन ने गत फरवरी के बाद शनिवार को जैसे ही देश की सीमाएं खोली, वेनेजुएला निवासियों में देश छोड़ने के लिए भगदड़ मच गई।
लॉस एंजेल्स, 09 जून (हि.स.)। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो के शासन से त्रस्त तीस हजार लोगों ने शनिवार को पड़ोसी देश कोलंबिया में शरण ली।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार भुखमरी और जीवन की मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वेनेजुएला के चालीस लाख लोग पिछले चार सालों में देश छोड़ कर जा चुके हैं। मदुरो प्रशासन ने गत फरवरी के बाद शनिवार को जैसे ही देश की सीमाएं खोली, वेनेजुएला निवासियों में देश छोड़ने के लिए भगदड़ मच गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वेनेजुएला के लोग अपने घर के जरूरी सामान के साथ कोलंबिया बार्डर पर पहुंचे। कोलंबिया विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शनिवार देर शाम तक 30 हजार लोग उनकी सीमाओं में आ चुके हैं। मदुरो ने पिछले महीने बार्डर खोले जाने की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि वेनेजुएला सीमा के साथ कोलम्बिया, ब्राज़ील और अरूबा द्वीप समूह लगते हैं। वेनेजुएला में जनवरी से ही संकट का दौर जारी है। राष्ट्रीय असेंबली के स्पीकर जुआन गुइडो ने गत जनवरी में स्वयं को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर चुनाव कराए जाने के लिए जगह-जगह रैलियां की और जनमत तैयार करना शुरू कर दिया था। इसके बाद मिलिट्री की मदद से मदुरो प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर दमनकारी चक्र चलाया था। हालांकि अमेरिका सहित 24 देश जुआन गुइडो का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं रूस, चीन और क्यूबा मदुरों के समर्थन में उतर आए हैं।