नई दिल्ली, 13 जुलाई (हि.स.)। दक्षिण जिले के वसंत कुंज थाने में एक हाई प्रोफाइल ठगी का मामला सामने आया है। आरेाप एक प्रतिष्ठित कंपनी पर लगा है और शिकायतकर्ता प्रतिष्ठित भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) की एक महिला प्रोफेसर हैं। आरोप है कि उनसे एक लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई है, जबकि प्रतिष्ठित कंपनी के अधिकारी ने इस बात से इंकार किया है। इस पूरे मामले को लेकर वसंत कुंज थाने में दस जुलाई को एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार महिला प्रोफेसर विष्णुप्रिया पांडे बीते दो जुलाई को वसंत कुंज के एंबिएंस मॉल के प्रतिष्ठित कंपनी के शॉप में खरीदारी के लिए आई थी। इस दौरान जो कपड़ा महिला को पसंद आया वह शोरूम में नहीं था। उन्होंने पूछताछ की तो शॉप के सेल्समैन ने उन्हें कहा कि यह कपड़ा ऑनलाइन मिल जायेगा। जिसके बाद महिला प्रोफेसर से सेल्समैन ने मोबाइल मांग कर सारी डिटेल भर दिए, तब तक तो सब ठीक था लेकिन आठ जुलाई को जब उस प्रतिष्ठित कंपनी का पैकेट पीड़िता के घर आया तो उसमें कपड़े आधे अधूरे थे।
चार बार निकले रुपये
महिला प्रोफेसर ने उस पैकेट पर लिखे टोल फ्री नंबर पर कॉल किया। उसके बाद कपड़े के रिफंड के लिए इनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया। पीड़िता ने उस लिंक को भरा और जब ओके किया, उसके बाद कुछ ही मिनट में पीड़िता के अकाउंट से चार बार पैसे विड्रोल हुए और कुल एक लाख उनके अकाउंट से निकल गए।
बड़ी कंपनी के नाम पर हुई ठगी
इस मामले में हैरान सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि महिला प्रोफेसर का यह ऑर्डर उसी शॉप के सेल्समैन ने अपने हाथों मोबाइल के द्वारा किया था, जिसमें ऑर्डर खुद सेल्स मैन ने अपने नाम दिपक तिवारी से बुक कर दिया, जबकि नाम के अलावा सारी डिटेल पीड़िता की थी। जिस पैकेट में समान डिलीवर हुआ वह पैकेट भी उसी कंपनी का था। पैकेट पर जो टोल फ्री नंबर दिया था वह भी उसी कंपनी के टोल फ्री नंबर से मिलता-जुलता था। बस आखरी के दो अंक उल्टे थे। इधर पीड़िता को जब ठगी का आभास तब हुआ, जब वह नौ जुलाई को यह एंबिएंस मॉल दोबारा पहुंची। लेकिन उस शॉप के कर्मचारियों की तरफ से कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला। अंत में पीड़िता ने वसंत कुंज थाने में जाकर ठगी की शिकायत दर्ज करवाई।