वाराणसी, 29 जून (हि.स.)। जनपद चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र का चौरहट गांव एक बार फिर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के रडार पर है। रविवार को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट राशिद को लेकर पांच गाड़ियों में पहुंची एनआईए की टीम गांव में छह घंटा से ज्यादा समय तक मौजूद रही। गांव में राशिद के नाना, मामा सहित घर परिवार के सभी सदस्यों को राशिद के सामने बैठा कर टीम ने लगभग तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। इस दौरान टीम ने राशिद के परिजनों का मकान घेर कर किसी को भी वहां फटकने नहीं दिया।
पूछताछ में टीम ने राशिद के कमरे में उर्दू में लिखे कागज के बारे में भी गहनता से छानबीन की। टीम ने मोबाइल सिम बेचने वाले दुकानदार से पूछताछ की। पूछताछ के बाद टीम राशिद को फिर अपने साथ ले गई। रात 10 बजे के बाद प्रेस रिलीज जारी कर टीम ने पूरे मामले की जानकारी दी। उधर, टीम के जाने के बाद भी ग्रामीण राशिद के परिजनों से बातचीत करने में भी कतराते दिखे।
यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने 10 जनवरी को सर्विलांस के जरिये चौरहट गांव के राशिद को गिरफ्तार किया था। राशिद पर आरोप था कि उसने भारत के महत्वपूर्ण स्थानों, सेना और सीआरपीएफ कैंप की रेकी कर उनकी फोटो और वीडियो आईएसआई को भेजा था। राशिद दो बार पाकिस्तान के कराची शहर में अपनी मौसी के यहां गया था। उसी दौरान वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के सम्पर्क में आ गया।
गिरफ्तारी से पहले राशिद अहमद वाराणसी में बीएचयू के छित्तूपुर में किराये के मकान में रहकर पोस्टर और बैनर लगाने का काम करता था। एटीएस की छानबीन में पता चला कि पाकिस्तानी एजेंट्स ने राशिद को 2019 में पाकिस्तान के राष्ट्रीय रंग हरे कलर की टी-शर्ट दी थी। जुलाई 2019 में 5 हजार रुपये की राशि भी पेटीएम के जरिये भेजी थी। राशिद फेसबुक और सोशल मीडिया के जरिये भी पाकिस्तान के प्रति प्रेम वाला पोस्ट डालता था। राशिद फेसबुक अकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणी कर चुका है। मूल रूप से वाराणसी के प्रहलाद घाट निवासी राशिद के पिता इदरीश अहमद 20 साल पहले चौरहट में जाकर मकान बनवा कर रहते थे। इदरीश अहमद की सबसे बड़ी बेटी पाकिस्तान के कराची शहर में अपने परिवार के साथ रहती है।