नौ दिन चलने के बाद खत्म हुआ भारत-रूस का संयुक्त अभ्यास ‘इंद्र’

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नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। दक्षिणी रूस में वोल्गोग्राड क्षेत्र के प्रुडबोई अभ्यास रेंज में 09 दिन से चल रहा भारत और रूस का संयुक्त अभ्यास ‘इंद्र’ गुरुवार को खत्म हो गया। इस अभ्यास का उद्देश्य एक दूसरे को परिचालन योजना, प्रक्रियाओं, युद्ध अभ्यास और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के खिलाफ संयुक्त अभियानों के संचालन से परिचित कराना था। भारतीय और रूसी सेनाओं के बीच दोस्ती को और मजबूत करने के उद्देश्य से किये गए त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास ने अंतर-संचालन को बढ़ाने का मौका दिया।

भारत और रूस के संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास इंद्र-2021 की शुरुआत 04 अगस्त को एक प्रभावशाली उद्घाटन समारोह के साथ हुई थी, जिसमें भारतीय और रूसी सेना के दक्षिणी सैन्य जिले के 250-250 कर्मी शामिल हुए। रूस जाने से पहले भारतीय सेना के जवानों ने पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज के रेगिस्तानी इलाकों में तैयारी की। संयुक्त अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों ने बहुत उत्साह के साथ व्यावसायिकता का प्रदर्शन किया। सत्यापन चरण के दौरान मैकेनाइज्ड फोर्सेज और स्पेशल सोर्सेज ने एकीकृत लाइव फायरिंग और विशेष संयुक्त अभियानों का अभ्यास किया, जिसमें सैनिकों ने न केवल एक-दूसरे के संगठनों के बारे में सीखा, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियानों में अपनाए जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं का भी आदान-प्रदान किया।

अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त रूप से योजना बनाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करने का एक-दूसरे को प्रशिक्षण दिया। अभ्यास के संचालन में दोनों दलों के विशेषज्ञ समूहों के बीच अकादमिक चर्चा भी हुई। इस दौरान आतंकवादियों को घेरने और खोजने, खुफिया जानकारी एकत्र करके साझा करने, मानवीय कानून और बंधकों को रिहा कराने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के प्रशिक्षण शामिल किये गए। अभ्यास इंद्र-2021 दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करने के साथ ही सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम रहा। यह सैन्य अभ्यास भारत-रूस रक्षा सहयोग के इतिहास में एक और ऐतिहासिक घटना माना जा रहा है।

यह अभ्यास इस मायने में ख़ास रहा कि दोनों देशों के सैनिकों ने एक-दूसरे को मूल्यवान सबक सिखाया। अभ्यास के दौरान टुकड़ियों के बीच विकसित सौहार्द्र निश्चित रूप से दोनों सेनाओं के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद करेगा। इस तरह के संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन भारत और रूस के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सामरिक द्विपक्षीय ‘इंद्र-2021’ अभ्यास की श्रृंखला 2003 में शुरू हुई थी और पहला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास 2017 में आयोजित किया गया था। भारत और रूस के बीच पिछला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास 10-19 दिसम्बर, 2019 को भारत में हुआ था। यह उत्तर प्रदेश के बबीना (झांसी के पास) में, पुणे और गोवा में एक साथ आयोजित किया गया था। वोल्गोग्राड में हो रहे अंतरराष्ट्रीय रूसी-भारतीय सामरिक अभ्यास की योजना और तैयारी को दोनों पक्षों के बीच 25 मई को एक बैठक में अंतिम रूप दिया गया था।


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