वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी केन्द्र की होगी,गरीबों को मुफ्त मिलेगा अनाज दीपावली तक : मोदी

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नई दिल्ली, 07 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को घोषणा की कि देशवासियों को अब पूरी तरह से केंद्र सरकार के माध्यम से मुफ्त टीका लगाया जाएगा। साथ ही जरूरतमंद लोगों को पिछले साल की ही भांति इस वर्ष भी नवंबर महीने तक निशुल्क अनाज दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि वैक्सीन उपलब्धता और टीकाकरण के संबंध में केंद्र सरकार ने आज फैसला किया है। इसके तहत अब वैक्सीन मुहैया कराने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। अगले दो सप्ताह में राज्यों के साथ संवाद कर नया प्रारूप तैयार किया जाएगा। 21 जून को योग दिवस के दिन से इसे लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहले राज्य सरकारों के आग्रह पर ही वैक्सीनेश्न की नीति में बदलाव किया गया था तथा कंपनियों से उनके उत्पादन की 25 प्रतिशत वैक्सीन खरीदने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई थी। इस काम में राज्य सरकारों के सामने कठिनाइयां पेश आई हैं। अब उन्हीं की ओर से सुझाव मिला है जिसके बाद 16 जनवरी से अप्रैल के अंत तक जारी पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि वैक्सीन कंपनियों से उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार हासिल करेगी और मुफ्त टीकाकरण के लिए उसे राज्य सरकारों को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु वाले हर नागरिक का मुक्त रूप से टीकाकरण किया जाएगा। यह भी फैसला किया गया है कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों से निजी अस्पताल शेष 25 प्रतिशत हिस्सा हासिल कर सकेंगे। निजी अस्पतालों के लिए तय किया गया है कि वह वैक्सीन के मूल्य के ऊपर केवल 150 रूपये का ही सेवा शुल्क ले सकेंगे।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज खाद्यान्न उपलब्ध कराया था। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर इस योजना को मई और जून में भी लागू किया गया। केंद्र सरकार ने अब फैसला किया है कि मुफ्त खाद्यान्न योजना को दिवाली यानी नवंबर महीने तक बढ़ाया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने वैक्सीन को लेकर भ्रम पैदा करने व अफवाह फैलाने की प्रवृत्ति की आलोचना करते हुए कहा कि सभी लोगों को यह प्रयास करना चाहिए कि अधिक से अधिक लोग टीका लगवायें। उन्होंने नकारात्मक माहौल बनाने वाले लोगों की आलोचना करते हुए कहा कि देश में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों का हौसला तोड़ने की कोशिश की गई। इस तरह की मानसिकता से ऊपर उठने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो लोग वैक्सीन को लेकर आशंका और अफवाह फैला रहे हैं उन्हें देश देख रहा है उन लोगों को भोले-भाले देशवासियों के साथ खिलवाड़ करने से बाज आना चाहिए। लोगों को भी इसे नजरअंदाज करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के खिलाफ देश के अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि भारत दुनिया के कुछ देशों में शामिल है जहां बड़े पैमाने पर टीकाकरण चल रहा है। पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने देश में वैक्सीन तैयार करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया था तथा वैज्ञानिकों ने अथक परिश्रम से दो वैक्सीन तैयार की गई थी। इस समय देश में सात कंपनियां वैक्सीन उत्पादन के काम में लगी हुई हैं। साथ ही नाक के जरिए स्प्रे के माध्यम से दी जाने वाली वैक्सीन के परीक्षण का काम अंतिम चरण में है। यह वैक्सीन टीकाकरण के काम में बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।

देश के टीकाकरण अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और चिकित्सा वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का फैसला किया गया था। सबसे पहले चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों, सफाई कर्मियों और एंबुलेंस चालकों के टीकाकरण के कारण ही स्वयं को बचाकर मरीजों की ठीक से देखभाल कर पाए। इन लोगों को टीकाकरण के माध्यम से सुरक्षा कवच न मिला होता तो भयावह स्थिति पैदा हो सकती थी जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध टीकाकरण की योजना के अनुसार फ्रंटलाइन वर्कर, 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और बीमारियों से ग्रसित लोगों का टीकाकरण का काम हाथ में लिया गया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की ओर से यह आपत्ति व्यक्त की गई कि बुजुर्गों को टीकाकरण में प्राथमिकता क्यों दी जा रही है।

कोरोना महामारी के प्रारंभिक दौर में आई कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे का विस्तार करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए। दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन उपलब्धता में कमी का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि मांग एकाएक बहुत बढ़ गई। इस काम में केंद्र सरकार ने जहां से भी संभव हुआ ऑक्सीजन हासिल की। रेलवे, वायु सेना और नौसेना के जरिए ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा सामग्री विभिन्न स्थानों पर पहुंचाई गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण जारी रहने के साथ ही देशवासियों को चिकित्सा प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना चाहिए। मास्क व दो गज की दूरी आदि बचाव के उपाय का सख्ती से पालन करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने देशवासियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि विश्वास के जरिए ही जीत हासिल होती है। आत्मविश्वास और उद्यम के जरिए देश इस जंग को जीतेगा।

 


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