ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ, ऊं की ध्वनि से गूंज उठा गंगा तट

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उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- योग का उद्गम स्थल है उत्तराखंडउत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र ने कहा- योग में है सर्वे भवंतु सुखिनः … तक पहुंचाने की ताकत  अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में जुटे 19 देशों के लोग



ऋषिकेश, 01 मार्च ( हि.स.)।  मणिकूट पर्वत की तलहटी ऋषिकेश मे गंगा के आर पार के दोनों तट रविवार को उस समय’ ऊं’ की ध्वनि से गुंजायमान हो गए, जब यहां अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव  का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसका आयोजन उत्तराखंड पर्यटन विभाग परिषद तथा गढ़वाल मंडल विकास निगम व परमार्थ निकेतन द्वारा किया गया है।
यहां मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसॉर्ट में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ और त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड  विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगांई तथा परमार्थ निकेतन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल और उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने उद्घाटन किया। मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसोर्ट में योग महोत्सव का उद्घाटन करने के उपरांत मुख्य वक्ता के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग के माध्यम से आदि ऋषि मुनियों की परम्परा को उत्तराखंड सरकार ने बढ़ाने का कार्य किया है। योग ऋषि परंपरा का प्रसाद है। योग मनुष्य की काया को सुंदर बनाने के साथ स्वस्थ रखता है तो इसका संबंध आध्यात्म के साथ शिव से भी है। इसके कारण उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश का नाम आगे बढ़ा रहे हैं, जिसे बढ़ाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया है। योग के कारण किसी भी बीमारी को भी दूर किया जा सकता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब मैंने उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली तब वहां कुछ बीमारियां फैली थीं। हमने स्वच्छता अभियान चलाकर कुछ बीमारियों को समाप्त करने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि मन को साधने के लिए हठयोग है। साधना करने से पहले शरीर को भी साधने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि योग का उद्गम भी उत्तराखंड ही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत चलाए गए, गंगा के शुद्धता अभियान के अंतर्गत गंगा जिस प्रकार शुद्ध हुई है, उसी प्रकार योग के माध्यम से भी मन को साफ करें, क्योंकि योग महोत्सव के जरिये हमें अतुल्य विश्व के दर्शन करने का मौका मिला है। योग के माध्यम से हम आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और विश्व में व्याप्त सभी समस्याओं को हल कर सकते हैं।  योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताते हुए उन्होंने कहा कि योग में मन और चित्त की मलिनता को दूर करने की ताकत है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है और योग के द्वारा हमारे ऋषियों ने इसकी राह प्रशस्त की है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः….., यह हमारा ध्येय वाक्य रहा है। देश व दुनिया को इस लक्ष्य तक पहुंचाने की ताकत योग में है। रावत ने कहा कि इस योग महोत्सव में 19 देशों के लोग प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने करो योग रहो निरोग का सन्देश देते हुए लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित किया। इन सबके बीच सुपर संडे को वसुधैव कुटुंबकम के संदेश के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज हो गया। गंगा के दोनों तटों पर योग महोत्सव आयोजित होने से योग की अतंरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में विख्यात तीर्थ नगरी पूरी तरह से योगमय हो गई है। मुनिकीरेती के गंगा रिजॉर्ट में और दूसरे तट पर परमार्थ निकेतन में योग महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। तीर्थनगरी में बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान भी योग साधना के लिए पहुंचे हैं, जिससे यहां का वातारण ही बदला हुआ नजर आ रहा है।

 


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