उत्तराखंडः मुनस्यारी में आसमान से बरसी आफत, 3 की मौत 11 लापता

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इलाके में प्रलय जैसा दृश्य, रास्ता, पुल और सम्पर्क मार्ग बारिश में बहे  बचाव टीमों को गांव तक पहुंचने के लिए करनी पड़ रही कड़ी मशक्कत मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट, पिथौरागढ़ में 23 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान



पिथौरागढ़, 20 जुलाई (हि.स.)। पिथौरागढ़ की मुनस्यारी तहसील में बीती रात दो जगह बादल फटने से प्रलय जैसा नजारा है। बेहिसाब पानी आने से एक मकान जमींदोज हो गया, जिसमें परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई और 5 लोग घायल हैं। पड़ोस के एक अन्य गांव के 11 लोग लापता हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाने और प्रभावितों को राहत राशि प्रदान करने की बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
मुनस्यारी तहसील अन्तर्गत मदकोट के गैला पत्थरकोट गांव में रविवार रात बादल फटने से अचानक मकान में मलबा आने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई, जिनकी पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जा रही है। मलबे से 5 लोगों को घायल अवस्था में निकालकर उपचार किया जा रहा है। यहीं के निकटवर्ती टांगा गांव में भी बादल फटने से 11 लोग लापता हैं जबकि एक व्यक्ति को बचा लिया गया है। एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। एसडीआरएफ की टीम ग्रामीणों की सहायता से लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हुई है लेकिन समाचार लिखे जाने तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं लगा है।
बादल फटने के कारण भारी मात्रा में पानी आने से इलाके में प्रलय जैसा नजारा है। कोई भी चीज अपनी जगह पर नहीं है। जगह-जगह सड़कें बंद हैं। प्रशासन को टांगा पहुंचने भी समस्याएं आ रही हैं। सड़के बंद होने से पहाड़ियों पर चढ़कर बड़ी कठिनाई से वहां पहुंचा जा रहा है। तार के सहारे लोग पहाड़ियों पर चढ़ कर जा रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा खुद चलने लायक रास्ते बनाये जा रहे है। बंगापानी तहसील के तोमिक गांव के झापुलि तोक में मलबा आने से 5 मकानों को खतरा बना हुआ है।
जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि रेस्क़्यू अभियान चलाया गया है और शीघ ही लापता लोगों को खोज लिया जाएगा। सड़कों पर लोक निर्माण विभाग और बीआरओ को निर्देश दे दिए गए हैं। सड़कें खोलने का कार्य किया जा रहा है। सभी तहसीलों में स्टॉफ को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि किसी भी तरह की घटना होने पर तत्काल वहां पहुंचा जा सके। उधर, मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए 23 जुलाई तक पिथौरागढ़ और आसपास के जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है और लोगों से सतर्क रहने की सलाह दी है।
स्थानीय निवासी हीरा चिराल ने सरकार से मांग की है कि आपदा ग्रस्त क्षेत्र धारचूला मुनस्यारी के लिए एक हेलीकॉप्टर धारचूला भेजा जाये, ताकि आपदा की घड़ी में किसी पीड़ित की जान बचाई जा सके। इनका कहना है कि मुनस्यारी से पिथौरागढ़ पहुंचने में ही 6 घण्टे से ज्यादा समय लगता है तब तक पीड़ित अपनी जिंदगी हार जाता है। हीरा चिराल ने कहा कि  मुनस्यारी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाएं आए दिन होती रहती हैं, इसलिए इस क्षेत्र में एसडीआरएफ की स्थाई तैनाती की जानी चाहिए।
इससे पहले शनिवार की रात को भी पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील और छोरीबगड़ में बादल फटने पर बारिश ने जबर्दस्त कहर बरपाया था। यहां 5 मकान भारी बारिश के चलते जमींदोज हो गए। अभी कम से कम 30 और मकान खतरे की जद में हैं। गनीमत ये रही कि इन सभी मकानों में रहने वाले लोगों को प्रशासन द्वारा पहले ही सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया गया था। जौलजीबी को मुनस्यारी से जोड़ने वाला 120 मीटर लंबा मोटर पुल भी नदी के तेज बहाव में समा गया। साथ ही लगभग 50 मीटर सड़क भी बह गई।
शनिवार की रात मुनस्यारी के तल्ला घोरपट्टा जैती मोटर पुल नाले में बह गया। आरसीसी से बना एक पुल नाले के तेज बहाव में रेत के महल  की तरह बह गया। मुनस्यारी के धापा गांव में 5 साल का बच्चा तन्मय नाले के तेज बहाव में बह गया लेकिन इसे चमत्कार ही कहा जायेगा कि बच्चे को 5 घंटे बाद घर से 200 मीटर दूर मलबे से जिंदा बरामद किया गया। फिलहाल तन्मय का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। बंगापानी के छोरीबगड़ में पानी के तेज बहाव के चलते 5 मकान जमींदोज हो गए हैं। गनीमत ये रही कि घरों के गिरने से पहले सभी लोगों को प्रशासन ने दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। पिथौरागढ़ के डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने रविवार को आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया था।

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