चारधाम यात्रा मार्ग सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण, तय समय पर पूरा करें कामः गडकरी

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देहरादून, 17 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि चारधाम परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो सामरिक दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। इसे निर्धारित समय के अन्तर्गत पूरा किए जाने के लिए तेजी से कार्य किए जाएं। गडकरी शुक्रवार को चारधाम परियोजना से सम्बन्धित बैठक को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे।
गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड एवं केन्द्र स्तर पर भूमि अधिग्रहण, वन एवं पर्यावरण आदि की क्लीयरेंस के लम्बित प्रकरणों को समयबद्धता के साथ निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए केन्द्र एवं राज्य के अधिकारी आपसी समन्वय से काम करें। केन्द्र एवं राज्य स्तर के सम्बन्धित अधिकारी लगातार बैठकें आयोजित कर आपत्तियों का निस्तारण करें। इस बैठक में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी शामिल थे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। चारधाम यात्रा मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के कारण इसका तेजी पूर्ण होना और भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गैरसैण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया है। उन्होंने गडकरी से गैरसैण को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-87 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309-ए को विकसित कर टू-लेन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भराड़ीसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के फलस्वरूप यातायात बढ़ने की सम्भावना है, जिसके दृष्टिगत नेशनल हाइवे-87 का चौड़ीकरण अपरिहार्य है। केन्द्रीय मंत्री ने इस पर सैद्धान्तिक सहमति देते हुए इसकी डीपीआर मंत्रालय को शीघ्र उपलब्ध करवाने को कहा।
त्रिवेन्द्र ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309-ए के टू-लेन होने से पिथौरागढ़, मुनस्यारी, डीडीहाट, गंगोलीहाट, चौकोड़ी बेरीनाग आदि पर्यटक स्थल जुड़ जाएंगे, जो पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के 208 किमी. लम्बाई के इस भाग को 2 लेन चौड़ीकरण हेतु डीपीआर एवं भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि चौकोड़ी से अल्मोड़ा तक प्रथम चरण में कुल 126 किमी लम्बाई की डीपीआर गठन की कार्यवाही गतिमान है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रालय द्वारा चारधाम परियोजना से सम्बन्धित सभी प्रकार की क्लीयरेंस का निस्तारण तेजी के साथ किया जा रहा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड का पूरा क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। चारधाम परियोजना सभी प्रकार के मार्गों के काम को तेजी से पूर्ण करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों को अपनी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सभी प्रकार की क्लीयरेंस के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी निभाते हुए क्लीयरेंस एवं आपत्तियों का निस्तारण करना होगा।
बैठक में बताया गया कि कुल 12,072 करोड़ की लागत एवं कुल 826 किमी लम्बाई की इस चारधाम परियोजना का शुभारम्भ 27 दिसम्बर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अन्तर्गत 350 किमी लम्बाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, वन एव पर्यावरण मंत्रालय, बीआरओ और उत्तराखण्ड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 


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