उत्तराखंड: राज्य में प्रवेश बंद पहली अप्रैल से बगैर कोरोना रिपोर्ट

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देहरादून, 31 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड सरकार ने देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्त फैसले लिए हैं। पहली अप्रैल से उत्तराखंड आने पर यात्रियों व श्रद्धालुओं को सख्त नियमों का पालन करना होगा। यहां तक कि 12 राज्यों से आने वाले यात्रियों को अपने साथ 72 घंटे से कम अवधि की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना प्रभावित राज्यों से उत्तराखंड आने वाले लोगों के लिए नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के निर्देश दिये हैं। इस संबंध में नई गाइडलाइन जारी की गई है। प्रदेश सरकार महाराष्ट्र, गुजरात समेत ऐसे अन्य राज्यों को चिह्नित कर रही, जहां संक्रमण का प्रभाव बढ़ रहा है।
उत्तराखंड में भी तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए सरकार ने इस पर नियंत्रण पाने के लिए बाहर से आने वाले यात्रियों पर सख्ती की है। राज्य में आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बॉर्डर चेक-पोस्ट पर कोरोना की रेंडम जांच की जाएगी।
सभी को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी एसओपी का अनुपालन करना होगा। राज्यवासियों से अपील की गई है कि वह कोरोना वायरस से सुरक्षा हेतु बनाए गए शारीरिक दूरी, मास्क व सैनेटाइनजर इस्तेमाल के नियमों का पालन करें।
65 साल से ऊपर की आयु, गर्भवति महिलाओं और 10 साल से छोटे बच्चों को यात्रा न करने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन को कोरोना वायरस से सुरक्षा हेतु व्यवस्था बनाने को कहा गया है। जैसे की रेलवे और एयरपोर्ट समेत सीमाओं पर रैंडम सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं। हालांकि, सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए कोई पाबंदी नहीं लगाई है।
उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में एक अप्रैल से कुंभ मेला शुरू हो रहा है। इसके अलावा स्थानीय मेलों का भी आयोजन होना है। इनमें बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। वहीं पिछले एक पखवाड़े में संक्रमितों की संख्या में तेजी से उछाल देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण को लेकर ​अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने आरटीपीसीआर जांच का दायरा बढ़ाने ​के साथ ही कोविड वैक्सीनेशन में तेजी लाने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में हो रहे कुंभ स्नानों के साथ ही आगामी चार-धाम यात्रा में स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए हैं।

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