वाशिंगटन, 08 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका पर साइबर हमले को लेकर देश भर में सतर्कता बरतने को कहा जा रहा है। अमेरिकी जानकारों का कहना है कि ईरान सन 2010 से लगातार किसे न किसी मुद्दे पर साइबर हमला करता रहा है। इसके लिए ईरान ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए वित्तीय, कारपोरेट क्षेत्र और बैंकों पर साइबर हमले किए थे। इसके दो साल बाद ऊर्जा ग्रिड पर हमला किया। इस हमले से हज़ारों कंप्यूटर, ऊर्जा ग्रिड और वित्त संबंधी फ़ाइलों, ख़ास कर बैंकों पर ख़तरा हो सकता है। अमेरिकी गृह एवं सुरक्षा विभाग ने सरकारी और ग़ैर सरकारी विभागों से अपील की है कि वे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की डुप्लीकेट फ़ाइलें बना कर रखें।
एनबीसी चैनल ने बग़दाद से सीधे रिपोर्टिंग में दावा किया है कि अल असद वायु सेना अड्डे पर छह राकेट दागे गए थे। इस हमले से बचने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने रक्षा बंकरों का इस्तेमाल किया। इराक के इस अमेरिकी एयर बेस का सैन्य अड्डा बहुत बड़ा है, जो ईरान की सीमा से मात्र दो सौ मील दूर है।
ईरान इस ताजा हमले को अपनी बड़ी सफलता मान कर चल रहा है। ईरान टीवी पर बार बार कहा जा रहा है कि ईरान ने अपने हरदिल अज़ीज़ कुद्स कमांडर की अमेरिकी हवाई हमले में हत्या के बदले में ये राकेट अमेरिका के इराक़ी ठिकानों पर दागे हैं। ईरान के टीवी का कहना है कि बेहतर होगा, अमेरिका शीघ्र इराक़ छोड़ कार चला जाए।