अमेरिका में 15 लाख बच्चे बेघर : रिपोर्ट

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लॉस एंजेल्स 05 फ़रवरी (हिस): अमेरिका में 15 लाख बच्चे बेघर ज़िंदगी बिता रहे हैं। इनमें एलजीबीटी बच्चों की एक बड़ी तादाद बताई जा रही है। एक स्टडी के अनुसार यह पिछले एक दशक में सर्वाधिक है। इनमें ऐसे बच्चों की  तादाद ज़्यादा है, जो घरेलू हिंसा, मादक पदार्थों के सेवन, रोज़गार अथवा मकानों के किराए पहुंच से बाहर होने के वजह से लावारिसों जैसी जिंदगी बिताने को मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में ये बच्चे अपने रिश्तेदारों अथवा मित्रों के घरों में रह रहे हैं। अपने घर का स्थाई पता नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर बुरा असर पड़ा है।

नेशनल सेंटर फ़ार होमलेस एजूकेशन की ओर से की गई स्टडी में बताया गया है कि  इनमें सात प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं, जो उजाड़ बिल्डिंगों अथवा पुरानी कबाड़ कारों में रह रहे हैं। इन में से एक तिहाई बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के बारे में कहा गया है कि  ये अच्छी तरह पढ़ लेते हैं, लेकिन इनके गणित और विज्ञान में नंबर  कम आए हैं।
इस संस्था के न्यूयॉर्क स्थित निदेशक ने एक बयान में बताया है कि अमेरिका में लोग किराए की मार लोग झेल नहीं पाते, जबकि लाखों लोगों को अपनी कुल आय का आधा हिस्सा मकानों के किराए में ख़र्च करना पड़ता है। कैलिफ़ोर्निया में मकानों के बेतहाशा किराए बढ़ने से हज़ारों  लोग टेंटों में रहने पर मजबूर हैं। मादक दवाओं से क़रीब बीस लाख बच्चे घर बेघर हैं, जबकि दस में से सात बच्चों का कहना है कि मादक दवाओं के सेवन के चलते उनके अभिभावक उन्हें घर में रखने को तैयार नहीं हैं।
इस समस्या के प्रति जानकारों का कहना है कि सरकार इन बच्चों के लिए सस्ते घर बनाए ताकि उन्हें कम दर के किराए पर मकान उपलब्ध हो सके।

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