लॉस एंजेल्स 29 मई (हिस): हांगकांग की स्वायत्तता अक्षु्ण्ण रखे जाने की अमेरिकी चेतावनी के बावजूद चीन ने गुरुवार को एकतरफ़ा विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम पारित कर दिया। इस अधिनियम के पारित होने के बाद चीनी प्रशासन हांगकांग में छात्र-युवा आंदोलन को नए सिरे से दबने का एक मौक़ा मिल जाएगा और विदेशी निवेशक नए माहौल में कितने समय तक ठहर पाएँगे, थोड़े दिनों बाद पता चलेगा। नए विधान में चीनी तंत्र को आंदोलन को दबाने, प्रतिबंध लगाने और कथित दंगाइयों को लंबी अवधि तक जेल में ठूँसने का हथियार मिल जाएगा।
इस अधिनियम के पारित होने के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ गया है। चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने अधिनियम पारित होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि चीन अमेरिका के साथ कारोबारी रिश्ते ख़त्म करने की बजाय संबंध बनाए रखना चाहता है। चीन सरकार हांगकांग के मसले को लेकर तनाव बढ़ाने के मूड में भी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कारोबारी जंग और अब हांगकांग सुरक्षा अधिनियम के बाद दोनों देशों के बीच संबंध अत्यधिक ख़राब हो गए हैं। बुधवार को चीनी कम्पनी हुवाए की मूल्य वित्त अधिकारी मेंग वांगजू की वेंकूवर में प्रत्यर्पण याचिका ख़ारिज होने के बाद चीन और कनाडा के बीच भी ठन गई है। चीन के क़ब्ज़े में उसके दो शीर्ष अधिकारी और पाँच अरब डालर का कारोबार आधार में लटका हुआ है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बुधवार को ही कहा था कि अब हांगकांग के विशेष स्वायत्तता का दर्जे का कोई औचित्य नहीं रह गया है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका चीन के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगा सकती है। इस स्वायत्तता दर्जे के ख़त्म होने के बाद अमेरिका हज़ारों चीनी छात्रों और शोध शास्त्रियों के वीज़ा समाप्त घोषित किए जाने पर मंथन कर रही है। अमेरिका के विभिन्न शहरों में चीनी अमेरिकी नागरिकों के ख़िलाफ़ पहले से घृणा व अपराध की ख़बरों में वृद्धि के समाचार आ रहे हैं।
इस अधिनयम को पारित कर चीन ने ‘एक देश, दो प्रणाली’ के अपने सिद्धांत को गति प्रदान कर अगली कड़ी में ताइवान को सतर्क कर दिया है। जैसे कि उम्मीद थी, अधिनियम के विपक्ष में मात्र एक वोट था, जबकि छह प्रतिनिधियों ने अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराई। ब्रिटिश उपनिवेश के रूप में हांगकांग के 1997 में मुक्ति पाने और चीन के नियंत्रण में अगले पच्चास वर्षों तक स्वायत्तता का चोला पहने रखने की शर्त को चीन ने उखाड़ फेंक दिया है। उम्मीद की जा रही है कि यह अधिनियम अगले सितंबर के महीने में मूर्त रूप ले लेगा।