अमेरिकी महिला फुटबॉल टीम के समान वेतन के दावों को अदालत ने खारिज किया
न्यूयॉर्क, 02 मई (हि.स.)। अमेरिकी महिला फुटबॉल टीम के समान वेतन के दावों को शुक्रवार में एक अदालत में खारिज कर दिया गया और केस का फैसला अमेरिका के फुटबॉल महासंघ के हित में सुनाया गया।
संयुक्त राज्य अमेरिका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फॉर सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया के जज आर गैरी क्लॉसनर ने महिला खिलाड़ियों के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें पुरुषों की राष्ट्रीय टीम जितना वेतन मिलता चाहिए। लेकिन अनुचित चिकित्सा, यात्रा और प्रशिक्षण की शिकायतों को ट्रायल के लिए आगे बढ़ा दिया गया।
आदालत ने अपने सारांश फैसले में कहा, ‘महिला राष्ट्रीय टीम को वर्ग अवधि में पुरुष राष्ट्रीय टीम की तुलना में संचयी और औसत प्रति गेम दोनों के आधार पर अधिक भुगतान किया जाता है।’
महिला टीम की प्रवक्ता मौली लेविंसन ने कहा, ‘हम हैरान और निराश हैं। हम समान वेतन के लिए अपनी जंग नहीं छोड़ेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपने मामले में आश्वस्त हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ हैं कि जो लड़कियां और महिलाएं इस खेल को खेलती हैं, उन्हें लिंग के आधार पर कम मूल्यवान नहीं माना जाएगा।’
महिलाओं की राष्ट्रीय टीम ने अपने चौथे विश्व कप खिताब को जीतने के लिए पिछली बार नीदरलैंड की टीम को फाइनल मुकाबले में हराया था, जिसके बाद पूरा स्टेडियम ‘समान वेतन, समान वेतन’ के नारों से गूंज उठा था। टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी टोबिन हीथ ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘यह टीम कभी हार नहीं मानती और अब हम शुरू नहीं करेंगे।’ परीक्षण की तारीख 16 जून निर्धारित की गई है।