वाशिंगटन, 03 दिसम्बर (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने किसानों के हितों के मद्देनजर ब्राजील और अर्जेंटीना से इस्पात और एल्युमिनियम के आयात पर शुल्क लगा दिया है जिससे दक्षिण अमेरिकी नौकरशाही हतप्रभ है और जवाब ढ़ूंढ़ रही है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा है कि शुल्क तुरंत प्रभाव से प्रभावी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह जरूरी है, क्योंकि ब्राजील और अर्जेंटीना ने अपनी अपनी मुद्रा का बड़े पैमाने पर अवमूल्यन किया है जो अमेरिकी किसानों के लिए अच्छा नहीं है।
दरअसल, हकीकत ठीक इसके उलट है। दोनों देश जोर शोर से अपनी मुद्राओं को डॉलर के मुकाबले मजबूत करने में पर तुले हुए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि राट्रपति ट्रंप के निर्णय की जड़ में घरेलू राजनीतिक कारण हैं जो चीन के साथ कारोबारी जंग की वजह से उत्पन्न हुए हैं।
विदित हो कि अमेरिका में अगले साल नवम्बर में राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है और जनसंख्या के दृष्टिकोण से किसानों की अहमियत चुनाव में काफी है, इसलिए ट्रंप यह नहीं चाहते व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से उनके किसानों को क्षति पहुंचे। वह यह भी चाहते हैं कि चीन के साथ कारोबारी जंग में ब्राजील और अर्जेंटीना चीन के पाले से बाहर निकले।
दरअसल, ट्रंप के इस निर्णय को ब्राजील के लोग बदले की कार्रवाई मान रहे हैं। चीन के साथ व्यापार युद्ध शुरू होने से इन दोनों देशों का सोयाबीन चीनी बाजारों में छा गया है और उन्हें फायदा भी काफी हुआ है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति पचा नहीं पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने सबसे पहले मार्च, 2018 में ब्राजील और अर्जेंटीना के धातुओं पर कर लगाया था, लेकिन यह कभी लागू नहीं हुआ था।