चीनी कंपनियों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी एक्सचेंजों से डीलिस्ट का बिल सीनेट से पास
वाशिंगटन/नई दिल्ली, 21 मई (हि.स.)। कोविड-19 की महामारी को लेकर खफा अमेरिका अब चीन पर चौतरफा दबाव बना रहा है। एक ओर आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका एक के बाद एक झटका दे रहा है। इसी कड़ी में अमेरिकी सीनेट ने चीनी कंपनियों को अमेरिकी शेयर बाजार से डीलिस्ट करने के लिए बुधवार को एक बिल पास किया है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अमेरिकी सीनेट से पास कानून कुछ चीनी कंपनियों को अमेरिकी एक्सचेंजों पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने से रोक सकता है, जब तक कि वे अमेरिकी ऑडिट और नियमों के मानकों का पालन नहीं करते हैं। दरअसल रिपब्लिकन सीनेटर जॉन कैनेडी और डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस वान होलेन द्वारा पेश ये बिल सर्वसम्मति से पारित हुआ। हालांकि, इसे प्रतिनिधि सभा को पारित करना होगा और कानून बनने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हस्ताक्षरित होना चाहिए।
एक रिपोर्टस के मुताबिक करीब 800 चीनी कपनियां अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड है।अमेरिका के इस फैसले से अलीबाबा और बायडू (बायडू) जैसी बड़ी चीनी कंपनियों को झटका लग सकता है। अमेरिका का यह कदम दुनियाभर के शेयर बाजारों के लिए बुरी खबर हो सकती है। इसके अलावा कई बड़े अमेरिकी फंड चीनी कंपनियों में निवेशक हैं, उन्हें भी झटका लग सकता है।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप लगातार चीन पर कोरोना का ठीकरा फोड़ रहे हैं और सबक सिखाने की भी बात कर रहे हैं। इसी कड़ी में अमेरिका एक के बाद एक फैसला चीन के खिलाफ ले रहा है। अब चीनी कंपनियों को अमेरिकन शेयर बाजार से डिलिस्टिंग करने के लिए अमेरिकी सीनेट में एक बिल पास किया है। हालांकि, इसे लागू होने में अभी थोड़ा कानूनी दांव-पेच है। अमेरिकी के इस कदम से अमेरिकन शेयर बाजार में लिस्टेड चाइनीज कंपनियों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।