वाशिंगटन, 22 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका के सीनेट ने बुधवार को ट्रंप पर चलने वाली महाभियोग की कार्यवाही पर मोहर लगा दी है।
ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने के पक्ष में 53 वोट पड़े, जबकि उनके खिलाफ कार्यवाही ना करने के पक्ष में 47 वोट मिले।
इससे पहले डेमोक्रेटिक नीत हाउस ने सात महाभियोग मैनेजरों के चयन के लिए औपचारिक रूप से वोट किया, जो अभियोजक पक्ष के तौर पर लड़ेंगे कि ट्रंप ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया।
दरअसल, रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत प्राप्त है, जबकि ट्रंप के विरोध में कार्रवाई करने के लिए दो तिहाई बहुमत का जरूरत है। इसका मतलब यह है कि अगर सारे डेमाक्रेट्स विरोध में वोट करते हैं तब भी 20 रिपब्लिकंस को भी ट्रंप को आरोपित मानते हुए वोट करना होगा।
देश के 244 साल के इतिहास में ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब किसी राष्ट्रपति का खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हो रही है । साल 1868 में एंड्रियू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन पर महाभियोग की कार्रवाई हुई थी, लेकिन दोनों ही बाद में आरोपों से बरी हो गए थे। बाद में साल 1974 में रिचर्ड निक्सोन ने इस्तीफा दे दिया था।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप पर आरोप हैं कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए यूक्रेन की सरकार पर दबाव बनाया। बिडेन के बेटे यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी में बड़े अधिकारी हैं। ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर जेलेंस्की के बीच हुई कथित फोन वार्ता महाभियोग के लिए एक अहम सबूत है।