वाशिंगटन, 23 जून (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर एच-1बी, इन पर आश्रित 2 बीएच, स्टूडेंट के लिए जे-1 और ग़ैर कृषि क्षेत्र के लिए एल-1 वीजा पर रोक लगा दी है। इससे कुल मिलाकर सवा पांंच लाख पेशेवर कर्मी प्रभावित होंगे। इनमें ज़्यादातर पेशेवर कर्मी भारत और चीन से हैं।
कहा जा रहा है कि ये रोज़गार अमेरिकी नागरिकों को दिए जा सकेंगे। भारत से टेक्नोलाजी के क्षेत्र में प्रति वर्ष एच-1बी के अंतर्गत 85 हज़ार आईटी कर्मियों को दिए जाने वाले रोज़गार की भी तोड़ निकाली जा रही है। इसमें आधे से ज़्यादा रोजगार भारतीय आईटी पेशेवर ले जाते हैं।सिलिकन वैली में माइक्रोसाफट, गूगल, फ़ेसबुक और अमेजन के खाते में जाते हैं। इस संदर्भ में कोशिश है कि अब उन्हीं पेशेवरों को रोज़गार दिए जाएंं जो उच्चतम श्रेणी के हों। इन्हें वेतन साठ हज़ार डॉलर प्रतिवर्ष दिए जाने की बजाए एक लाख डॉलर प्रतिवर्ष दिए जाने के बारे में टेक कम्पनियों से कश्मकश चल रही है।
अगर ऐसा होता है, तो भारतीय कम्पनियांं इन्फ़ोसिस, टाटा, विप्रो आदि प्रभावित होंगी.।इनमें एच-2 ए को छोड़ दिया गया है जो कृषि क्षेत्र और ग्रोसरी स्टोर के लिए है और अमेरिका को इन श्रमिकों की निहायत ज़रूरत है।