नीति आयोग की रैकिंग में उप्र के सात जिलों को मिली टॉप 10 में जगह

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देश के अतिपिछड़े 112 जिलों की जुलाई-अगस्त की डेल्टा रैकिंग जारी

चित्रकूट और बहराइच को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित



लखनऊ, 13 अक्टूबर (हि.स.)। नीति आयोग ने जुलाई-अगस्त 2021 के सर्वे के आधार पर देश के अतिपिछड़े 112 जिलों की डेल्टा रैंकिंग जारी कर दी है। नीति आयोग की इस डेल्टा रिपोर्ट में देश के आकांक्षात्मक जनपदों की सूची में उत्तर प्रदेश के सात जनपदों ने टॉप 10 में स्थान बनाया है।

ये जनपद सिद्धार्थनगर, बहराइच, सोनभद्र, श्रावस्ती, फतेहपुर, चित्रकूट और चंदौली हैं। इनमें फतेहपुर ने नीति आयोग के निर्धारित मानकों पर कार्य करते हुए पूरे देश में विकास के क्षेत्र में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं तीसरे स्थान पर सिद्धार्थनगर, चौथे पर सोनभद्र, पांचवें पर चित्रकूट, सातवें पर बहराइच, आठवें पर श्रावस्ती और नौवें पर चंदौली ने स्थान बनाया है।

उत्तर प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों में चित्रकूट और बहराइच ने नीति आयोग के मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। आयोग ने इन जिलों को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया है। नीति आयोग की ओवरआल डेल्टा रैंकिग में चित्रकूट ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण सहित अनेक मानकों पर देश में पांचवा स्थान हासिल किया है।

डेल्टा रैंकिंग द्वारा छह विकासात्मक क्षेत्र स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेश, कौशल विकास और बुनियादी ढांचा विकास हैं, जिन्हें रैंकिंग के लिए ध्यान में रखा गया। आकांक्षी जिलों की रैंकिंग हर महीने जारी की जाती है। आकांक्षी जिला कार्यक्रम जनवरी 2018 में शुरू किया गया। इसका उद्देश्य उन जिलों को आगे बढ़ाना है जिनमें महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्रों में कम प्रगति देखी गई है और कम विकसित इलाके के तौर पर सामने आये हैं।


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