यूपीपीसीएल घोटाला: सुधांशु और पीके गुप्ता तीन दिन ईओडब्ल्यू की रिमांड पर

0

ईओडब्ल्यू ने कोर्ट से सात दिन की रिमांड मांगी थी



लखनऊ , 06 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पावर कार्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों की भविष्य निधि निजी कम्पनी डीएचएफल में घोटाले के मामले में गिरफ्तार निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी और महानिदेशक पीके गुप्ता को न्यायालय में पेश किया। ईओडब्ल्यू ने कोर्ट से सात दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों को तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजा है।
ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पावर कार्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों की भविष्य निधि निजी कम्पनी डीएचएफल में घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू ने निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, महानिदेशक पीके गुप्ता को बीते दिनों गिरफ्तार किया गया था। इसमें ईओडब्ल्यू ने पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद को भी गिरफ्तार किया था। इन सभी के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने तीनों से गहनता से पूछताछ की। बुधवार दोपहर को ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में पेश किया गया और पूछताछ के लिए सात दिन की पुलिस रिमांड मांगी, लेकिन सिविल जज जूनियर डिविजन ने तीन दिन की रिमांड ही मंजूर दी है। बुधवार शाम चार बजे से नौ नवम्बर शाम चार बजे तक की ईओडब्ल्यू को पुलिस रिमांड मिली है। सूत्रों की माने तो इन दोनों की पुलिस रिमांड मिलने पर कई ऐसे और अधिकारी है, जो इस घोटाले में शामिल है और उनकी भी गिरफ्तारी की जायेगी।
नये सिरे से जांच शुरू
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आदेश पर इस पूरे प्रकरण की जांच नये सिरे से शुरु कर दी गयी है। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। सूत्रों की माने तो इसमें यूपीपीसीएल के पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ की जायेगी। प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश गृह मंत्रालय से की है।
इस मामले को लेकर राजनीति गरमाई
उत्तर प्रदेश के पावर कार्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के भविष्य निधि में हुये करोड़ों के घोटाले मामले में राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव ने प्रेसवार्ता करके भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहारते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा था। प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस घोटाले की जड़ समाजवादी पार्टी से जोड़ दिया था। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले में ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में लिखा था कि, ‘उप्र. सरकार ने राज्य के पावर कार्पोरेशन के कर्मियों की भविष्य निधि का पैसा डीएचएफएल जैसी डिफाल्टर कंपनी में फंसा दिया है।. किसका हित साधने के लिए कर्मिचारियों की 2000 करोड़ से भी ऊपर की गाढ़ी कमाई इस तरह की कंपनी में लगा दी गई? कर्मचारियों के भविष्य से ये खिलवाड़ जायज है?“

 


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *