भोपाल, 03 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बुधवार देर रात यात्री बस अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग तोड़ते हुए रीछन नदी में जा गिरी। इस हादसे में सात यात्रियों की मौत हो गई, जिसमें दो महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है। वही करीब 36 यात्री इस हादसे में घायल हुए है जिनमें से 12 की हालत गंभीर है। सभी गंभीर घायलों को ईलाज के लिए भोपाल रेफर किया गया है। हादसे की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस व एसडीआरएफ की टीम तत्काल मौके पर पहुंच गई और राहत कार्य शुरू किया।
जानकारी के अनुसार ओम साईं राम कंपनी की यात्री बस यात्रियों को लेकर इंदौर से छतरपुर जा रही थी। इस दौरान रायसेन से पहले दरगाह के पास रीछन नदी के पुल पर बस गड्ढे में फंस गई और अनियंत्रित होकर 50 फीट नीचे नदी में जा गिरी। रात का वक्त होने के कारण अधिकतर यात्री गहरी नींद में सो रहे थे। बस के गिरते ही मौके पर चीख पुकार मच गई। शोर सुनकर स्थानीय लोग मदद के लिए तत्काल मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को हादसे के सूचना दी। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस व एसडीआरएफ की टीम राहत के लिए तत्काल मौके पर पहुंच गई। घटना की सूचना पाकर रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और एसपी मोनिका शुक्ला सहित पूरा प्रशासन मौके पर पहुंचा और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू शुरू किया।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव भी घायल हो गए। नदी में आधी डूबी बस से रात ढाई बजे तक सात यात्रियों के शव निकाले जा चुके थे। हादसे में यात्रियों को बचाने के लिए पानी में उतरी रेस्क्यू टीम को अंधेरे में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बस में फंसे यात्रियों को निकालने में टीम के कुछ सदस्यों को बस की खिडक़ी के कांच भी लग गए। बस को रस्सी के सहारे खींचकर सीधा किया गया और फिर यात्रियों को रस्सी के जरिए लाइफ जैकेट पहनाकर खींचकर बाहर निकाला गया। घायल यात्रियों को बस से निकालकर इलाज के लिए विभिन्न वाहनों से जिला अस्पताल भेजा गया। घायलों में 12 यात्रियों की स्थिति गंभीर है, जिन्हें ईलाज के लिए भोपाल रेफर किया गया है। वही रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक पुलिस का जवान भी पानी में बह गया। मृतकों की संख्या बढऩे की आशंका है। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी पानी का बहाव तेज़ होने के कारण कुछ और लोगों की तलाश की जा रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव भी घायल हो गए। नदी में आधी डूबी बस से रात ढाई बजे तक सात यात्रियों के शव निकाले जा चुके थे। हादसे में यात्रियों को बचाने के लिए पानी में उतरी रेस्क्यू टीम को अंधेरे में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बस में फंसे यात्रियों को निकालने में टीम के कुछ सदस्यों को बस की खिडक़ी के कांच भी लग गए। बस को रस्सी के सहारे खींचकर सीधा किया गया और फिर यात्रियों को रस्सी के जरिए लाइफ जैकेट पहनाकर खींचकर बाहर निकाला गया। घायल यात्रियों को बस से निकालकर इलाज के लिए विभिन्न वाहनों से जिला अस्पताल भेजा गया। घायलों में 12 यात्रियों की स्थिति गंभीर है, जिन्हें ईलाज के लिए भोपाल रेफर किया गया है। वही रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक पुलिस का जवान भी पानी में बह गया। मृतकों की संख्या बढऩे की आशंका है। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी पानी का बहाव तेज़ होने के कारण कुछ और लोगों की तलाश की जा रही है।
पुलिस महानिरीक्षक आशुतोष राय ने गुरुवार को बताया कि बस को निकालने के लिए मंडीदीप से क्रेन बुलवाई जा रही है। उन्होंने सात लोगों के मरने की पुष्टि की है। अभी भी होमगार्ड के 10 जवान जांच अभियान में जुटे हैं। इधर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला गुरुवार सुबह घायलों को देखने जिला अस्पताल पहुंचे। कलेक्टर ने गंभीर घायल को इलाज के लिए 50 हजार और घायलों को दस-दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है।
मृतकों की हुई पहचान
1- रवि बंसल, जिला छतरपुर, 2- सागर बाई, रायसेन, 3- अनवर खान, सागर, 4- उजेफा खान, बेगमगंज, 5- दीपक बंसल (02), दो मृतक यात्रियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
1- रवि बंसल, जिला छतरपुर, 2- सागर बाई, रायसेन, 3- अनवर खान, सागर, 4- उजेफा खान, बेगमगंज, 5- दीपक बंसल (02), दो मृतक यात्रियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।