लखनऊ, 03 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश में नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर हुई हिंसा में पुलिस के हाथ कई अहम तथ्य लगे हैं। इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। इसके बाद पुलिस ने संगठन के सदस्यों की धड़पकड़ करते हुए उनके खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। राज्य में हिंसा भड़काने के आरोप में पीएफआई के 108 लोगों को पिछले चार दिनों के अंदर गिरफ्तार किया गया है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले भी पीएफआई के 25 पदाधिकारी और सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं। अवनीश अवस्थी ने बताया कि अभी शुरूआती कार्रवाई है। वित्तीय लेनदेन की सूचना सहित संगठन के बारे में और गहन जानकारी जुटाने के लिए हम लगे हुए हैं। इसमें केन्द्रीय एजेंसियों से भी मदद ली जा रही है। हमारा उद्देश्य है कि आरोपितों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए। इन 108 गिरफ्तारियों में लखनऊ से 14, मेरठ से 21, वाराणसी से 20, बहराइच से 16, गाजियाबाद से 9, शामली से 07, मुजफ्फरनगर से 06, कानपुर से 05, बिजनौर से 04, सीतापुर से 03 और गोंडा, हापुड़ और जौनपुर से 01-01 सदस्य को पकड़ा गया है।
दरअसल मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलील है कि प्रदेश में सीएए को लेकर हुए विरोध-हिंसा और पीएफआई के बीच सीधा संबंध है। गृह मंत्रालय को भेजी गई ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में पीएफआई से जुड़े 73 बैंक खातों से 120 करोड़ से ज्यादा की राशि कई लोगों, संस्थाओं के खाते में ट्रांसफर की गई। हालांकि, पीएफआई ने ईडी के दावों को खारिज किया है। ईडी के मुताबिक जांच के दौरान ऐसे 73 खातों के बारे में पता चला है, जिनसे पीएफआई के 27 और इससे संबंधित इकाई रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) के नौ और 17 अलग-अलग बैंकों में संबंधित व्यक्तियों, इकाइयों के 37 एकाउंट में पैसे जमा कराए गए हैं। 73 बैंक खातों में करीब 120.5 करोड़ जमा किए गए हैं।
पीएफआई के बैंक खातों में जमा हुई नकदी की जांच के दौरान बहराइच, बिजनौर, हापुड़, शामली, डासना आदि में कई बार नकदी पकड़े जाने पर इस पूरे षड्यंत्र का खुलासा हुआ। इन बैंक खातों में 41.50 करोड़ जमा किए गए थे। पीएफआई के 27 बैंक खातों में ज्यादातर नकदी ही जमा की गई, जो कुल जमा राशि का लगभग पचास प्रतिशत है। इन खातों 59 करोड़ में से 27 करोड़ रुपये नकद जमा किए गए थे।