सुल्तानपुर/नई दिल्ली, 16 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्धाटन के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये राज्य की प्रगति, विकास और समृद्धि का एक्सप्रेस-वे है। यहां आकर राज्य के विकास का प्रतिबिम्ब देखा जा सकता है। पूरी दुनिया में उत्तर प्रदेश और यहां के लोगों के सामर्थ्य पर जिन्हें जरा भी संदेह हो वो आज यहां सुल्तानपुर में आकर उप्र का सामर्थ्य देख सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक्सप्रेस-वे विकास का नया अध्याय लिख रहा है। उन्होंने राज्य की तरक्की और विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल को बधाई दी।
मोदी ने पूर्व की अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे इस बात का इल्म हो गया था कि जिस तरह तब की सरकार ने उप्र के लोगों के साथ नाइंसाफी की, विकास में भेदभाव किया , जिस तरह सिर्फ अपने परिवार का हित साधा , उप्र के लोग ऐसा करने वाली सरकार को हमेशा-हमेशा के लिए उप्र के विकास के रास्ते से हटा देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जब उन्हें देश सेवा का अवसर दिया तो उन्होंने उप्र की तरक्की के लिए बहुत सारी विकास योजनाएं शुरु कराई। किंतु, अफसोस की बात है कि तब की सरकार ने केंद्र का सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने उस वक्त केंद्र का सहयोग नहीं किया। केंद्र की कोशिश थी कि उप्र में गरीबों को पक्के घर मिलें, गरीबों के घर में शौचालय हों, महिलाओं को खुले में शौच के लिए बाहर ना जाना पड़े, सबके घर में बिजली हो, ऐसे कितने ही काम थे, जो यहां किए जाने जरूरी थे। लेकिन मुझे बहुत पीड़ा है कि तब उप्र में जो सरकार थी, उसने मेरा साथ नहीं दिया।
मोदी ने उप्र में पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में बिजली कटौती, कानून व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था की हालत के लिए उन्हें जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि उप्र में तो हालात ऐसे बना दिये थे कि यहां सड़कों पर राह नहीं होती थी, राहजनी होती थी। उप्र में 7-8 वर्ष पहले जो स्थिति थी उसे देखकर मुझे हैरानी होती थी कि आखिर उप्र को कुछ लोग किस बात की सजा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला जारी रखते हुए कहा कि पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था। ये भी एक सच्चाई थी कि उप्र जैसा विशाल प्रदेश, पहले एक दूसरे से काफी हद तक कटा हुआ था। अलग-अलग हिस्सों में लोग जाते तो थे लेकिन एक दूसरे से कनेक्टिविटी ना होने की वजह से परेशान रहते थे। पूरब के लोगों के लिए लखनऊ पहुंचना भी महाभारत जीतने जैसा होता था। लेकिन आज जितनी पश्चिम की पूछ है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आज उप्र की इस खाई को पाट रहा है और सूबे को आपस में जोड़ रहा है।