जानकारी के मुताबिक जीटी रोड पर ट्रक से टक्कर के बाद जयपुर जा रही स्लीपर बस में आग लग गई, जिससे दोनों वाहन धू-धूकर जलने लगे। हादसे में कई लोगों के मरने की आशंका है। दमकल की कई गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हुईं हैं। करीब 12-15 यात्रियों ने बस में कूदकर जान बचाई। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
कन्नौज के छिबरामऊ इलाके में जीटी रोड पर शुक्रवार रात फर्रुखाबाद से जयपुर जा रही स्लीपर बस की कोहरे के कारण सामने से आ रहे ट्रक से जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसे के बाद ट्रक में आग लग गई, जिसने बस को भी चपेट में ले लिया। थोड़ी ही देर में बस आग का गोला बन गई। हादसे में स्लीपर कोच बस में सवार करीब 25 से अधिक यात्रियों के मरने की आशंका है। घटना के वक्त बस में करीब 60-70 सवारियां होने का अनुमान है।
टक्कर के बाद यात्रियों से भरी बस व ट्रक में लगी आग की जानकारी पर ग्रामीणों की भारी भीड़ पहुंंच गई और जीटी रोड पर यातायात पूरी तरह बाधित है। जाम में दर्जनों वाहन फंसे हुए हैं। वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई है। फायर बिग्रेड की कई गाड़ियां आग बुझाने के प्रयास में जुटी हैं। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। देर रात तक आग नहीं बुझाई जा सकी थी। बस में कितने यात्री आग की चपेट में आकर मरे हैं, इसकी सही जानकारी नहीं हो सकी है। फिलहाल स्लीपर कोच बस फर्रुखाबाद से छिबरामऊ होते हुए जयपुर जा रही थी।
ट्रक बेवर से कानपुर की ओर जा रहा था। दोनों गाड़ियां धू-धू कर जल रहीं हैं। हादसे का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है, कि स्लीपर कोच बस में फंसे यात्रियों को निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। किसी तरह 12 से 15 सवारी कूदकर अपनी जान बचाकर बाहर निकल चुकी हैं।
छिबरामऊ में हुए भीषण हादसे की जानकारी मिलते ही कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल, कमिश्नर एम बोबडे सहित आलाधिकारी कानपुर से मौके के लिए रवाना हो गए। वही कन्नौज के डीएम व एसपी मौके पर पहुंच गए।
आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने बताया कि प्राइवेट स्लीपर बस में लगभग 41 सवारियों सवार सवार थी। इनमें से 21 सवारियों को निकालते हुए अस्पताल भेजा गया है।मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी मृतकों की पुष्टि व संख्या बता कर पाना जल्दबाजी होगी। स्थिति साफ होने में अभी समय लगेगा। आग काबू पाने के बाद व टूरिस्ट बस मालिक की जानकारी होते ही सही जानकारी हो सकेगी। फिलहाल हमारी पहली प्राथमिकता हादसे में हताहत हुए लोगों की जान बचाना है।