अब तक पौने दो लाख गरीब कन्याओं का हुआ सामूहिक विवाह,विपक्ष ने उठाई थी उंगली : योगी आदित्यनाथ….

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निर्माण श्रमिकों की 3,507 पुत्रियों के सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन में मुख्यमंत्री हुए शामिल 



लखनऊ, 18 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जब सामूहिक विवाह योजना गरीब परिवारों के लिए शुरू की थी तो उस समय विपक्ष के लोगों ने इस पर उंगली उठाई थी। उन्होंने इसे कन्या और गरीब का अपमान बताया। लेकिन, देखते ही देखते लगभग पौने दो लाख गरीब कन्याओं की शादी केवल सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश के अंदर सम्पन्न हुई है।
सामूहिक विवाह योजना का प्रत्येक तबके ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को रायबरेली रोड स्थित वृंदावन योजना में निर्माण श्रमिकों की 3,507 पुत्रियों के सामूहिक विवाह समारोह के वृहद आयोजन में शामिल होने के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने लोक कल्याण के अनेक कार्यक्रम आयोजित किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत सरकार की भी लोक कल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने और उस के माध्यम से उनके जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का प्रयास किया गया। लेकिन, मैंने इस बात को महसूस किया है कि जो लोकप्रिय योजनाएं रही हैं, जिनका समाज के प्रत्येक तबके ने स्वागत किया और उसको बहुत सकारात्मक रूप से स्वीकार भी किया उनमें से सामूहिक विवाह योजना एक है।
कन्यादान भारत की परम्परा में बहुत पवित्र दान 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों मुरादाबाद में 2,700 जोड़े वैवाहिक सूत्र के बंधन में बने। वहीं आज 3,507 जोड़ों के परिवार वालों को कन्यादान का सौभाग्य इस अवसर पर प्राप्त हो रहा है। सबके सहयोग से हम लोगों को भी इससे जुड़ने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कन्यादान भारत की परम्परा में बहुत पवित्र दान माना गया है। कई यज्ञों से ज्यादा फलदायी माना गया है और इस कार्य के प्रति जो फल आपको प्राप्त होने जा रहा है, उसमें हमें भी इसके सहभागी बनने का सौभाग्य मिला है।
सामूहिक विवाह के आयोजन सरकार उठा रही खर्च
मुख्यमंत्री ने कि जब हमने समाज कल्याण विभाग के द्वारा गरीब कन्याओं की शादी के लिए सामूहिक विवाह योजना लागू की थी, तो कहा था कि किसी भी जाति की कन्या है, अगर सामूहिक विवाह के आयोजन के साथ उसका परिवार सहमत है, तो सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी और खर्च उठाएगी। उन्होंने कहा इस समय हम 51,000 हजार रुपये मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गरीब परिवारों को उपलब्ध करवाते हैं।
श्रमिक राष्ट्र का निर्माता, उसके सुख दुख में सहभागी बनना सरकार का कर्तव्य
उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा जो आयोजन सामूहिक विवाह के आयोजित किए जा रहे हैं, इसमें भी काफी बड़ी संख्या में अलग-अलग जनपदों में इसका आयोजन हुआ है। मीरजापुर, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर में सामूहिक विवाह के कार्यक्रम के बाद आज राजधानी लखनऊ में जोड़े वैवाहिक सूत्र के बंधन में बंधकर अपने नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक राष्ट्र का निर्माता है और इसलिए उसके सुख दुख में सहभागी बनना यह किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार का पहला कर्तव्य बनता है। आपने उसी कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं प्रारम्भ की हैं।
कोरोना संक्रमण को लेकर सर्तकता बरतने की अपील
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों से कोरोना संक्रमण को लेकर सर्तकता बरतने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्षों से पूरा प्रदेश और देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इस पवित्र मांगलिक कार्यक्रम के साथ जुड़े लोग लापरवाही नहीं बरतें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार-बार कहते हैं कि हमें इस बात को ध्यान में रखना पड़ेगा की बीमारी के उपचार में बचाव महत्वपूर्ण होता है। इसलिए बचाव के लिए महत्वपूर्ण है कि हम लोग दो गज की दूरी और मास्क जरूरी का पालन अवश्य करें।  यह मंत्र हमारे जीवन का हिस्सा बनना चाहिए।
स्वयं बचें, परिवार-समाज को भी महामारी से बचाएं
उन्होंने कहा है कि मास्क लगाकर सार्वजनिक कार्यक्रम में भागीदार बनें मास्क लगाकर बोल भी सकते हैं, आप अपनी बातों को रख सकते हैं। कोरोना की लहर एक बार फिर कई राज्यों में बढ़ते हुए दिखाई दे रही है। बहुत सारे राज्य हैं, जहां मामले तेजी से बढ़े हैं। यातायात की सुविधाएं आसान होने के नाते, खेती-बाड़ी और पंचायत चुनाव के लिए लोग बाहर निकल रहे हैं। इसमें सावधानी और सतर्कता बेहद आवश्यक है। लोग स्वयं भी बचें, अपने परिवार को भी बचाएं और समाज को भी इस महामारी से बचाने में अपना योगदान दें।
वर-वधू की स्मृति को सहेजने के लिए बनाए गए सेल्फी प्वाइंट 
श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि कार्यक्रम स्थल में श्रमिक परिवारों को जहां स्वादिष्ट पकवान परोसे गए, वहीं सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए, जिससे वर-वधू और उनके परिजन फोटो खिंचवा कर अपनी इस स्मृति को सहेज सकें। विवाह अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिससे की इन पुत्रियों को एहसास हुआ कि उनके विवाह में पूरा प्रशासन उनके परिवार के रूप में वैवाहिक रस्में निभा रहा है। कार्यक्रम में सभी जोड़ों का विवाह धार्मिक रीति-रिवाजों एवं मान्य परम्पराओं के अनुसार संपन्न कराया गया। एक ओर जहां वैदिक मंत्र गूंज रहे थे, वहीं दूसरी ओर निकाह के समय कुबूल है की आवाज भी सुनाई दी।

 


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