लखनऊ, 11 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बैठकों के बाद सूबे में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का निर्णय ले लिया है। शासन की तरफ से इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इस प्रणाली की शुरुआत राजधानी लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से होगी।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का नीतिगत फैसला ले लिया है। उन्होंने बताया कि अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पारित करवाना है।
वहीं शासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री की व्यस्तता के चलते मंगलवार को कैबिनेट की बैठक नहीं हो पाती तो गजट नोटिफिकेशन के जरिए भी इस प्रणाली को लागू करने का विकल्प सरकार के पास है। सूत्रों की मानें तो दो तीन दिन के अंदर पुलिस कमिश्नर प्रणाली को प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। हालांकि प्रारम्भिक तौर पर इसे पहले लखनऊ और नोएडा में ही लागू किया जाएगा। शायद इसीलिए लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के स्थानांतरण के बाद यहां अब तक किसी की नियुक्ति नहीं की गई है। राज्य लिहाजा सरकार ने पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेश चंद्र रावत को ही लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है।
उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की चर्चा पिछले कई सालों से चल रही है। लेकिन, योजना को मूर्त रुप देने की बात जब आती है तो नौकरशाही का एक तबका इसके विरोध में आ जाता है, जिससे फैसला लटक जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की चर्चा बड़ी तेजी से चली थी, लेकिन कुछ अधिकारियों के विरोध के चलते वह इसे लागू नहीं कर सकी थीं।
इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर अधिकारियों के साथ पिछले तीन दिनों में आधा दर्जन से अधिक बैठकें की। इस दौरान काफी मंथन के बाद उन्होंने इस प्रणाली को लागू करने का मन बनाया है। इन बैठकों में प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल भी मौजूद थे।