उप्र : मुफ्त कोचिंग मिलेगी 50 हजार से अधिक छात्रों को अभ्युदय योजना में पहले चरण में

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लखनऊ, 15 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग के लिए सोमवार को ‘अभ्युदय योजना’ का शुभारम्भ करते हुए कहा कि अब तक 50 लाख से ज्यादा युवाओं ने इसे पसंद किया है। ऑनलाइन टेस्ट में पांच लाख युवा शामिल हो रहे हैं। 50,000 युवाओं का सेलेक्शन पहले चरण में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रतिभा की धरती है। चिंता हुई की यहां के प्रतिभाशाली युवा पिछड़ कैसे जा रहे हैं। इस के बारे में अधिकारियों को अध्ययन करने को कहा गया, जिसके आधार पर दो प्रेजेंटेशन आए। इन्हीं के आधार पर ‘अभ्युदय योजना’ को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोई ऐसा जिला नहीं जहां कोई विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज या कोई अच्छा संस्थान न हो। अक्सर हम अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग ही नहीं करते। हमने कॉलेजों की लैब को अपग्रेड किया जिससे वह अन्य कार्यों में उपयोग आ सकें अभ्युदय योजना को पहले चरण में 18 कमिश्नरी मुख्यालयों में प्रारंभ करेंगे। हमारा प्रयास है कि जब योजना शुरू हो तो वह निरंतर चलती रहे। इसमें वीकली, मंथली टेस्ट होंगे, जिनके आधार पर स्क्रीनिंग होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्युदय योजना के लिए कोई नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं करेंगे। जो मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर है उसका उपयोग किया जाएगा। योजना को तकनीक के साथ जोड़ना होगा। फिजिकली क्लास में 50-100 बच्चे आ सकेंगे। लेकिन, इसे वर्चुअली जोड़ेंगे तो एक करोड़ युवा जुड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि अभ्युदय योजना प्रदेश के युवा ऊर्जा को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इस योजना का लाभ लेकर प्रदेश का युवा अपनी प्रतिभा का देश व दुनिया में लोहा मनवाएगा।
अभ्युदय योजना के अंतर्गत 16 फरवरी वसंत पंचमी से प्रदेश में क्लासेज शुरू होंगी। जिन युवाओं का संक्षिप्त टेस्ट से सेलेक्शन हुआ है उन्हें मंडल मुख्यालय में क्लास अटेंड करने का अवसर मिलेगा। छात्रों को सिविल सर्विस, नीट, जेईई, एसएससी, एनडीए व सीडीएस, बैकिंग व टीईटी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ ही जिन्होंने अपनी सफलता का परचम लहराया है उन्हें भी इससे जोड़ा है। अपने सभी आईएएस अफसर, आईपीएस अफसर, आईएफएस अफसर, पीसीएस अफसर सहित मेडिकल, आईआईटी के विशेषज्ञों को भी इससे जोड़ा है।

 


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