उप्र ने अब एक दिन में 1.83 लाख कोरोना नमूनों की जांच का बनाया रिकार्ड.

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प्रदेश में बीते 24 घंटे में 2,366 नए मरीज मिले, 25,649  सक्रिय मामले



लखनऊ, 27 नवम्बर (हि.स.)। प्रदेश में कोरोना जांच को लेकर फिर एक कीर्तिमान स्थापित किया गया है। कल राज्य में 1,83,557 कोरोना नमूनों की जांच की गई, जो अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा संख्या में टेस्टिंग है। इससे पहले बुधवार को ही प्रदेश में 1,78,549 कोरोना जांच का रिकार्ड बना था।
राज्य के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में 2,366 नए मामले सामने आए हैं। वर्तमान में 25,649 कोरोना के सक्रिय मामले हैं। अब तक कुल 5,04,411 लोग कोविड-19 से ठीक होकर पूर्ण उपचारित हो चुके हैं। संक्रमण के बाद 7,697 लोगों की मौत हुई है। अब तक कुल 1,88,19,807 सैम्पल की जांच की गयी है। कल आरटीपीसीआर के लिए विभिन्न प्रयोगशाआलों को 71,922 नमूने भेजे गए।
वर्तमान में होम आइसोलेशन में 12,455 लोग हैं। निजी चिकित्सालयों में 2,281 लोग इलाज करा रहे हैं। इसके अतिरिक्त बाकी मरीज एल-1, एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। अभी तक कुल 3,07,814 लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना, जिसमें से 2,95,359 लोगों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज घोषित कर दिया गया है।
प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,64,581 क्षेत्रों में 4,67,306 टीम दिवस के माध्यम से 2,94,86,198 घरों केी 14,41,71,110 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि चिकित्सकीय उपचार के लिए ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया गया है। ई-संजीवनी के माध्यम से गुरुवार को 2,579 लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया। अब तक कुल 2,23,742 लोगों ने ई-संजीवनी पोर्टल पर चिकित्सकीय परामर्श लिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार लक्षित परीक्षण कराए जा रहे हैं। यह अभियान लगातार चल रहा है। इसमें शहरी झुग्गी झोपड़ियों, अस्पतालों, विद्यालयों  में जाकर नमूने लिए जा रहे हैं। आज सरकारी और निजी कार्यालयों में जाकर टेस्टिंग की गई। इस दौरान अभी तक बहुत ज्यादा संक्रमण नहीं मिला है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश में सबके सम्मिलित प्रयासों से संक्रमण अभी नियंत्रण में है। इसके बावजूद जाड़े के मौसम में सांस से संबंधित बीमारियां ज्यादा परेशान करती हैं और जिन लोगों को इसकी समस्या पहले से है, उन्हें ज्यादा दिक्कत होती है। इस वजह से अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। कोरोना वायरस श्वसन तंत्र पर असर डालता है और इससे फेफड़े प्रभावित होते हैं। इसलिए जाड़े में यह दोनों चीजें मिलकर मामले को जटिल बना सकते हैं।

 


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