यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में शुरू हुई निजी क्षेत्र की पहली रक्षा इकाई
नई दिल्ली, 14 नवम्बर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) में निजी क्षेत्र की पहली रक्षा निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया। इसमें विमान इंजन, हेलीकॉप्टर इंजन, विमानों के लिए संरचनात्मक भागों, ड्रोन और यूएवी, पनडुब्बियों, अल्ट्रा-लाइट आर्टिलरी गन, स्पेस लॉन्च वाहन आदि का निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने निकट भविष्य में निजी कंपनियों का निवेश बढ़ने पर विश्वास जताते हुए कहा कि लखनऊ शहर और उत्तर प्रदेश राज्य रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के विनिर्माण क्षेत्र में अपनी पहचान बनाएंगे।
रक्षा मंत्री ने पीटीसी उद्योगों के तहत एक एकीकृत धातु निर्माण सुविधा की आधारशिला भी रखी जो एयरोस्पेस अनुप्रयोगों के लिए टाइटेनियम और अन्य विदेशी मिश्र धातुओं में प्रमुख कच्चे माल का उत्पादन करेगी। उन्होंने कहा कि यह संयंत्र उन सभी प्लेटफार्मों के लिए आयात पर देश की निर्भरता को काफी कम कर देगा, जिन्हें टाइटेनियम और निकेल सुपर मिश्र की आवश्यकता होती है।
राजनाथ सिंह ने पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सराहना करते हुए कहा कि कैसे आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में एक कंपनी प्रौद्योगिकी को अपनाने के माध्यम से सफल हो सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों इकाइयां रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की राह में प्रमुख मील के पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि पीटीसी भारत और विदेशों में प्रसिद्ध कंपनियों को उत्पादों की आपूर्ति करता है, जो भारत को रक्षा निर्यातक में बदलने के सरकार के दृष्टिकोण में योगदान है।
हाल ही में रक्षा मंत्रालय से रक्षा अनुप्रयोगों के लिए पीटीसी को महत्वपूर्ण ऑन-लाइन फिटिंग (ओएलएफ) का निकासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मंजूरी रक्षा निर्माण क्षेत्र के लिए ‘मेक इन इंडिया’ में बड़ा कदम साबित होगी जिससे आत्मनिर्भरता हासिल करना आसान होगा। रक्षा मंत्री ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर, मदन मोहन मालवीय, सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर, एम. विश्वेश्वर्या के उद्योगों से जुड़े महत्व को याद किया। उन्होंने यूनिट के उद्घाटन को मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी का एक चमकदार उदाहरण बताते हुए कहा कि मोदी सरकार पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रही है, जो विकास के लिए निरंतर और बढ़ी हुई निजी क्षेत्र की भागीदारी में विश्वास करते थे।
रक्षा मंत्री ने तेजी से बदलते वैश्विक सुरक्षा वातावरण में सशस्त्र बलों के निरंतर आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय रक्षा उद्योग न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि दुनिया को सैन्य हार्डवेयर का निर्यात करेगा। पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियां इसमें अहम भूमिका निभा सकती हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि चूंकि देश इस समय ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, इसलिए यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के हमारे संकल्प को एक नई गति देने का अवसर है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने भी रक्षा में आत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन किया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार की इन सभी पहलों के परिणामस्वरूप स्वदेशी रक्षा उद्योग को दिए जाने वाले अनुबंधों की संख्या में वृद्धि हुई है।