लखनऊ, 31 दिसम्बर (हि.स.)। योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें प्रमुख रूप से श्रम विभाग में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत काम करने वाले एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों की तरह प्राइवेट प्रैक्टिस बंदी भत्ता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के दाह संस्कार के लिए दिए जाने वाले अनुदान में भी बढ़ोत्तरी की गयी।
यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नगर निगम मथुरा/वृंदावन के साथ ही प्रतापगढ़ की नगर पालिका परिषद बेल्हा के सीमा विस्तार को मंजूरी प्रदान की गई है। कैबिनेट बैठक में प्रदेश सरकार ने श्रम विभाग में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत काम करने वाले एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों की तरह प्राइवेट प्रैक्टिस बंदी भत्ता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
श्रम विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक कर्मचारी बीमा अस्पताल के 200 डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिस भत्ता मूल वेतन का 20 फीसदी मिलेगा। यानि डॉक्टरों का मूल वेतन एक लाख रुपये है तो 20 हजार रुपये नॉन प्रैक्टिस भत्ता मिलेगा। अभी तक कर्मचारी बीमा अस्पताल के डॉक्टर 10 हजार रुपये फिक्स नॉन प्रैक्टिस भत्ता पाते हैं। अब उन्हें मूल वेतन का 20 फीसदी नॉन प्रैक्टिस भत्ता मार्च से मिलेगा। मार्च से लेकर दिसम्बर तक उन्हें एरियर भी मिलेगा।
श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि इसके साथ ही प्रमुख फैसलों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के दाह संस्कार के लिए दिए जाने वाले अनुदान में बढ़ोतरी। बैठक में सहारनपुर, मथुरा, मऊ, बलरामपुर, प्रतापगढ़, अलीगढ़, पीलीभीत, बलिया, रामपुर, सोनभद्र समेत कई जिलों में नगर पंचायत का सीमा विस्तार व नगर पंचायत के गठन को मंजूरी दी गयी। नगर निगम मथुरा-वृंदावन व प्रयागराज नगर निगम का सीमा विस्तार किया गया है।
गोरखपुर में गोरखपुर-महाराजगंज-निचलौल मार्ग में (19.400 किमी) के निर्माण योजना को मंजूरी और देवरिया में सोनौली-नौतनवां-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग राज्य मार्ग संख्या-1 पर (28.900 किमी) प्रस्ताव पास हुआ।यह भी फैसला लिया गया कि कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी को पुलिस थाना अधिसूचित किया जाएगा।