लखनऊ, 15 सितम्बर (हि.स.)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ रविवार सुबह ही अपने मंत्रियों के साथ भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) लखनऊ पहुंचे। वहां सभी लोग प्रबंधन के गुर सीखेंगे। यह योगी और उनके मंत्रियों के क्लास का दूसरा दिन है।
रविवार को सुबह मंत्री वाल्वो बस में सवार होकर कार्यशाला के लिए निकल गये। अब तक दो सत्र चल चुके हैं। आठ सितम्बर को भी मंत्रियों ने क्लास ली थी। इसमें प्रदेश के चतुर्दिक विकास के संबंध में विशेषज्ञ बता रहे हैं। इसके साथ सवालों का समाधान भी करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रियों ने बेहतर विजन व कार्यशैली विकसित करने और निर्णयों को कुशल प्रबंधन के माध्यम से जमीन पर उतारने का पाठ पढ़ा।
पिछली बार कुल छह सेशन चले थे। पहला सत्र ‘प्राथमिकता निर्धारण के लिए सुगम पूर्वाभ्यास’ विषय पर था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश का समूह परिचर्चा, सामाजिक-आर्थिक संदर्भ, प्राथमिकताओं पर प्रस्तुति व प्रतिभागियों के सवाल-जवाब,दृष्टि क्षेत्र विस्तार, शीर्ष चार राज्यों से यूपी की तुलना, नीतिपरक राजनीतिक नेतृत्व और भविष्य की दिशा पर भी विस्तार से चर्चा हुई। सबसे खास बात यह रही कि मंत्रियों को कुल आठ समूहों में रखा गया। आईआईएम की ओर से अलग-अलग सत्रों में प्रो. अर्चना शुक्ला, प्रो. पुष्पेंद्र प्रियदर्शी, प्रो. निशांत उप्पल, प्रो. संजय सिंह और प्रो. सुशील कुमार ने मंत्रियों के साथ विचार साझा किए।
इस बार सुबह से चल रहे शेषन में प्रोफेसरों ने मंत्रियों को लीडर क्षमता और कल्पनाशक्ति की क्षमता के बारे में बताया। यह भी जानकारी दी गयी कि विनम्रता से किसी को निरूत्तर कैसे किया जा सकता है। प्रोफेसरों ने कहा कि अगर अगला व्यक्ति ऊंची आवाज में भी बोल रहा है तो उसे विनम्रता से कैसे निरूत्तर किया जा सकता है।