विपक्ष की एकजुटता की फिर निकली हवा, बसपा एमएलसी बृजेश सिंह ने दिया भाषण

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विधानसभा के 36 घंटे तक चलने वाले विशेष सत्र का विपक्ष ने कर रखा है पूर्ण बहिष्कार 



लखनऊ, 03 अक्टूबर (हि.स.)। महात्मा गांधी की जयंती पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के 36 घंटों तक निरंतर चलने वाले विशेष सत्र में विपक्ष के पूर्ण बहिष्कार के फैसले की हवा निकलती नजर आ रही है। गुरुवार को भी विपक्ष के सदस्य सदन में शामिल होने पहुंचे और अपनी बात रखी। बसपा के विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह प्रिंसू ने अपने भाषण में योगी आदित्यनाथ सरकार की इस पहल की बेहद सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर, जहां दुनिया भर में उनको याद किया जा रहा है। वहां योगी सरकार का इस तरह उन्हें याद करना बेहद खास है।
सभी सदस्यों का शामिल नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए ऐसे 16 विषयों का चयन किया गया है, जो सीधे तौर पर समाज और विकास से जुड़े हैं। बापू की जयंती पर इस विशेष सत्र का आयोजन और उसमें शामिल होना मेरे लिए गर्व का विषय है। मैं महात्मा गांधी को आदर्श मानता हूं। यह विषय लोगों को राष्ट्रीय धारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण साबित होगा। सभी को इसमें शामिल होकर साथ देना चाहिए था, ऐसा नहीं हो सका, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
एक और बागी बसपा पर पड़ेगा भारी, भाजपा में शामिल होने की अटकलें
उन्होंने मीडियाकर्मियों द्वारा विशेष सत्र में शामिल होने पर बसपा के एक्शन लेने के सवाल पर कहा कि यह बाद का विषय है और तकनीकी विषय है। भाजपा में शामिल होने को लेकर उन्होंने कहा कि जब भी कोई फैसला लेंगे, उसकी जानकारी सबसे पहले ​मीडिया को दी जाएगी। विशेष सत्र में शामिल होने के लिए भिनगा के बसपा विधायक मुहम्मद असलम राइनी वहां भी उपस्थित है। अपने विधायकों के बागी तेवर देखकर बसपा सुप्रीमो मायावती का इन पर एक्शन लेना तय माना जा रहा है। मायावती पहले ही कह चुकी हैं कि गांधीजी की 150वीं जयन्ती पर यूपी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उनके कार्यों का व्याख्यान करना नहीं बल्कि इसकी आड़ में बीजेपी द्वारा अपनी सरकार की विफलताओं पर पर्दा डालना असली मकसद है। इसीलिए बीएसपी ने अपने विधायकों को बाढ़ पीड़ितों की सहायता के असली जनहित के काम में लगाया है।
शिवपाल यादव भी सदन में उपस्थित
विशेष सत्र में शिवपाल यादव की मौजूदगी भी चर्चा का​ विषय बनी हुई है। अखिलेश यादव से मतभेद के बाद शिवपाल यादव ने भले ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन कर लिया और चुनाव भी लड़ चुके हों, लेकिन तकनीकी तौर पर अभी भी वह सदन में सपा के सदस्य हैं।
कांग्रेस की अदिति सिंह पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर दे चुकी हैं भाषण
इससे पहले बुधवार को रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पार्टी लाइन के विपरीत जाकर सदन में भाषण दिया। उन्होंने सरकार के विकास कार्यों की खुलकर प्रशंसा की। अदिति सिंह ने कहा कि मैं शिक्षित हूं और विकास के साथ खड़ी हूं, विकास करना चाहती हूं। कांग्रेस​ विधायक ने कहा कि मैं योगी आदित्यनाथ सरकार के गांधी जयंती पर आयोजित इस सत्र का स्वागत करती हूं। सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इस विशेष सत्र का आयोजन स्वागतयोग्य है। लीक से हटकर कार्य करने के लिए कई बार इस प्रकार के कदम उठाने पड़ते हैं। अदिति ने इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा कार्यालय में जाकर उनसे मुलाकात भी की।
रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह गांधी परिवार विशेष तौर पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की बेहद करीबी मानी जाती हैं, लेकिन हाल के कुछ समय में भाजपा से उनकी नजदीकी को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं और इससे कांग्रेस खेमे में बेचैनी है। अदिति ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं हमेशा राजनीति उस हिसाब से करती हूं, जैसा मुझे मेरे पिता ने समझाया जो सही लगे वही करो। उन्होंने कहा कि आपको याद होगा मैंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी खुल कर समर्थन किया था। अदिति ने तब कहा था कि यह एक एतिहासिक फैसला है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे जम्मू कश्मीर के लोग मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे। एक विधायक की हैसियत से मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं।
सपा-बसपा को अपनों से ही मिल रही चुनौती
इसके अलावा बसपा विधायक अनिल सिंह और सपा विधायक नितिन अग्रवाल ने भी अपने भाषण में योगी सरकार के कार्यों की सराहना की। दोनों विधायक राज्यसभा चुनाव में भी पार्टी लाइन के विपरीत जाकर भाजपा के पक्ष में क्रास वोटिंग कर चुके हैं और तकनीकी तौर पर अभी भी अपनी पार्टी के सदस्य हैं। नितिन अग्रवाल के पिता और पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं विशेष सत्र में नौतनवा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने भी भाषण दिया और सरकार के कार्यों की सराहना की। खासतौर से उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर कहा कि योगी हैं तो सब सम्भव है। इससे सुनकर मुख्यमंत्री समेत सदन में शामिल सभी सदस्य हंसने लगे। अमनमणि ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को सरदार वल्लभ भाई पटेल तक बता डाला।
गौरतलब है कि उप्र विधानसभा के 36 घण्टे तक चल रहे इस विशेष सत्र में संयुक्त राष्ट्र संघ के संकल्प ‘सतत विकास’ के 16 बिन्दुओं पर चर्चा चल रही है। इस विशेष सत्र में चर्चा के मुख्य विषय गरीबी उन्मूलन, भुखमरी समाप्त करना, सभी के लिए स्वस्थ्य जीवन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, सुरक्षित जल एवं स्वच्छता का सतत प्रबंधन, किफायती ऊर्जा, आर्थिक विकास, उद्यमिता, असमानता कम करना, समावेशी व सुरक्षित शहर, सतत उपभोग एवं उत्पादन, जलवायु परिवर्तन, भूमि पर जीवन, शातिपूर्ण एवं समावेशी संस्थाओं का निर्माण एवं लक्ष्यों के लिए भागीदारी शामिल हैं जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ का 17वां लक्ष्य समुद्र से जुड़ा है और यह विषय उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए इसे शामिल नहीं किया गया है।

 


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