उप क्षेत्रों में तेजी से फैलने का खतरा भारत में पाए गए कोरोना वेरिएंट का : यूएनएचसीआर

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संयुक्त राष्ट्र, 02 जून (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने कहा कि भारत में पाए गए कोरोना वैरिएंट्स का उप क्षेत्रों में तेजी से फैलने का खतरा है। उन्होंने कहा कि शरणार्थी तंग जगहों में रहते हैं। उनके पास जल एवं स्वच्छता सुविधाओं का भी अभाव है। इस कारण यह शरणार्थियों में तेजी से फैल रहा है।

उच्चायुक्त के प्रवक्ता एंडरेज महेचिक ने कहा कि एशिया के कई देशों में स्वास्थ्य प्रणाली कमजोर है। इन देशों को हाल ही में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के कारण संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वह विशेषकर एशिया और प्रशांत क्षेत्रों को लेकर चिंतित हैं। पिछले दो महीनों में यहां तेजी से संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।

अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन सप्लाई, सीमित आईसीयू और दुर्लभ स्वास्थ्य सेवाओं के कारण स्थिति खराब हो गई है। विशेषकर भारत और नेपाल का स्थिति बहुत खराब है। वायरस का अत्यधिक संक्रामक रूप जो पहली बार भारत में उभरा उसके उप क्षेत्र में तेजी से फैलने का खतरा अधिक है। विशेषकर शरणार्थियों में यह तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि हम कोवैक्स सुविधा को तत्काल समर्थन करने  का आग्रह करते हैं जिसका उद्देश्य कोरोना रोधी वैक्सीन को समान्य रूप से सब तक पहुंचाना है।

महेचिक ने कहा कि इस महामारी को तभी हराया जा सकता है जब वैक्सीन की पहुंच सभी तक समान रूप से हो। नेपाल, ईरान, पाकिस्तान और थाइलैंड में तेजी से शरणार्थियों के बीच वायरस फैल रहा है और स्थिति चिंताजनक है। नेपाल में कुछ शरणार्थियों को कोवैक्स सुविधा के तहत वैक्सीन उपलब्ध कराई जा चुकी है लेकिन बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों को वैक्सीन की कमी के कारण एक भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई गई है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र की कोवैक्स योजना का उद्देश्य इस साल के अंत तक दुनिया के निर्धनतम देशों की लगभग एक चौथाई यानी 25 प्रतिशत आबादी तक कोरोना रोधी वैक्सीन की लगभग दो अरब खुराकें पहुंचाना है।

 


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