उन्नाव दुष्कर्म कांड : बड़ी साजिश का अंदेशा, सब लगा रहे अपने-अपने ढंग से अनुमान

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प्रमुख सचिव गृह को सरकार ने हटाया, सीबीआई ने जांच लिया अपने हाथ



लखनऊ, 31 जुलाई (हि.स.)। उन्नाव के दुष्कर्म कांड के बाद रायबरेली में हुए सड़क हादसे का मामला गंभीर होता जा रहा है। एक वर्ग जहां उसे अनहोनी मान रहा है, वहीं दूसरा वर्ग ऐसा भी है, जो इस हादसे के माध्यम से भाजपा सरकार को फंसाने के लिए सोची-समझी बड़ी रणनीति मानकर चल रहा है। इसका कारण उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर होने वाला उप चुनाव भी है।
इसकी हकीकत तो जांच के बाद ही खुलकर सामने आएगी लेकिन यह जरूर है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई को जांच सौंपकर यह जता दिया है कि पीड़िता के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही पीड़िता की सुरक्षा में हुई चूक के बाद गृह सचिव को अरविंद कुमार को हटाकर भी सख्त संदेश दिए हैं।
साजिश के पर्दाफाश के लिए कृत संकल्प दिख रही सरकार
इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन द्विवेदी का कहना है कि इस घटना के तह तक जाने की जरूरत है। पीड़िता के साथ हुए अन्याय की भरपाई तो नहीं की जा सकती लेकिन उसको न्याय मिलना और अत्याचार करने वालों को सख्त सजा दिया जाना जरूरी है। घटना के बाद राज्य सरकार की बढ़ी सक्रियता बता रही है कि सरकार घटना का ईमानदारी से पर्दाफाश करने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि अपनी सरकार को खुद बदनाम करने के लिए कोई लापरवाही कैसे कर सकता है। ऐसे में इस घटना में सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश की भी आशंका दिखती है। ट्रक मालिक का एक पार्टी से संबंध होना भी इसकी ओर इशारा कर रहा है।
कहीं उप चुनाव को ध्यान में रखकर तो नहीं की गई साजिश
वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिंह राणा का कहना है कि इस मामले में तुरंत सीबीआई जांच का फैसला कर राज्य सरकार ने अच्छा कदम उठाया है। ऐसे मामलों में राजनीति करना गलत है। जिस तरह से इस घटना को हवा दी जा रही है उससे तो यही लगता है कि इसमें किसी बड़ी साजिश हो और हाल में होने वाले उप चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया हो। हालांकि इस मामले में सीबीआई को भी जल्द खुलासा करने के लिए तत्पर होना चाहिए।
पीड़िता वेंटीलेटर पर, चाचा उन्नाव रवाना
रायबरेली में सड़क हादसे में उन्नाव के चर्चित दुष्कर्म कांड मामले की पीड़ित और उसका वकील अब भी वेंटिलेटर पर है। बुधवार सुबह ही पीड़िता की चाची का दाह संस्कार करने के लिए उसके चाचा को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस उन्नाव गंगा घाट पर ले गई। सड़क हादसे में दुष्कर्म पीड़ित की चाची और मौसी की रविवार को रायबरेली में सड़क हादसे में मौत हो गई थी।
जब पीड़िता के परिजन बैठ गए धरने पर
मंगलवार सुबह पीड़ित परिवार के सदस्य ट्रामा सेंटर के बाहर धरने पर बैठे थे, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। पीड़ित की बहन ने आरोप लगाया कि आरोपित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से लगातार उनके परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। मुकदमा वापस लेने के लिए पूरे परिवार को जान से मारने की साजिश रची गई है। इसीलिए चाचा को भी मुकदमा दर्ज कराते हुए जेल भेज दिया गया।
सेंगर पर कसता जा रहा शिकंजा
इसको लेकर संसद तक में हंगामे के बीच पुलिस ने दुष्कर्म के आरोप जेल में बंद विधायक कुलदीप सेंगर एवं अन्य के खिलाफ रायबरेली के गुरबक्शगंज थाने में हत्या का मामला दर्ज किया है। पीड़ित के चाचा की तहरीर पर विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई मनोज सिंह, विनोद मिश्रा, हरपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह, अवधेश सिंह पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। साथ ही 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही सीबीआई ने इस केस को ले लिया है।
भेजा था चीफ जस्टिस को खत
पीड़ित पक्ष ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी खत भेजा था। यह खत 12 जुलाई,2019 को लिखा गया। पत्र मेंं कहा गया कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए जो हमें धमका रहे हैं। लोग मेरे घर आते हैं, धमकाते हैं और केस वापस लेने की बात कर ये कहते हैं कि ऐसा नहीं किया तो पूरे परिवार को फर्जी केस में जेल में बंद करवा देंगे। पीड़ित परिवार ने मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का भी निवेदन किया। यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, लखनऊ में सीबीआई के प्रमुख और पुलिस अधीक्षक (उन्नाव) को यह पत्र भेजा गया है।

 


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