नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (हि.स.)। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में दोषी करार दिए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा की अवधि फर सुनवाई टाल दी है। आज सीबीआई की ओर से मांग की गई कि कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा दी जाए।
आज दिल्ली पुलिस ने कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट में पेश किया था। 16 दिसम्बर को कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और रेप के मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट इस मामले पर पिछले 2 दिसम्बर से सभी पक्षों की दलीलें सुन रहा था। कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले में वो सारी मजबूरियां और लाचारियां हैं, जो दूरदराज में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने अक्सर आती हैं। जिनसे जूझ कर लड़कियां और महिलाएं डर और शर्म से अपना नारकीय जीवन काटती हैं।
कोर्ट ने कहा था कि हमारे विचार से इस जांच मैं पुरुषवादी सोच हावी रही है और इसी वजह से लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा और शोषण में जांच के दौरान संवेदनशीलता और मानवीय नजरिये का अभाव दिखता है। यही वजह है कि जांच के दौरान इस मामले में कई जगह ऐसा लगा कि पीड़ित उसके परिवार वालों के साथ निष्पक्ष जांच नहीं हुई।
इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किये थे। पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़ित और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके इंतजाम करने का निर्देश दिया था। पिछले एक अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था। उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़ित की चाची का बयान दर्ज किया था। इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़ित की मां का भी बयान दर्ज किया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़ित को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। पिछले 11 और 12 सितम्बर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़ित का बयान दर्ज किया था।