उन्नाव रेप केस: विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप तय

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भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) , 363, 376 और पॉक्सो के तहत चलेगा मुकदमा 



नई दिल्ली, 09 अगस्त (हि.स.)। उन्नाव रेप मामले में तीस हजारी कोर्ट ने आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ  रेप, पॉक्सो, और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय कर दिया है। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने आज सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने का आदेश दिया। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) , 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।
पिछले 8 अगस्त को कोर्ट ने पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के झूठे केस में फंसाए जाने के मामले में आरोप तय करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि जांच में पाया गया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने घटना की रिपोर्ट लिखवानी चाही लेकिन आरोपित विधायक के प्रभाव की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं लेकिन उस पर कार्रवाई तब की गई जब 7 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की। 3 अप्रैल 2018 को उसके पिता को आरोपित विधायक के भाई ने सरेआम बुरी तरह पीटा। सीबीआई ने कहा था कि जांच में ये भी पाया गया कि स्थानीय थाने की पुलिस और अधिकारियों ने उसकी शिकायतों पर कोई गौर नहीं किया और लापरवाही बरती।
आरोपित विधायक के खिलाफ रेप के मामले में 7 अगस्त को सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। 7 अगस्त को कोर्ट ने मीडिया को निर्देश दिया था कि वो पीड़ितों और उसके परिजनों और गवाहों के नामों का खुलासा नहीं करें। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि आरोपित पर रेप के आरोप बिल्कुल सही हैं। सीबीआई और पीड़िता की मां की ओर से वकील धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा कि आरोपित के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय होना चाहिए।
कोर्ट ने  6 अगस्त को सीबीआई से उन्नाव रेप मामले के पीड़िता, उसकी देखभाल करनेवालों और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया था कि वो गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। कोर्ट ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने के बाद उसके परिजनों के ठहरने के बारे में भी रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने 5 अगस्त को आरोपितों कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दिया था। 5 अगस्त को जब दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था तो डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने आरोपितों के वकील को आरोप पत्र पर बहस करने को कहा था। इस पर आरोपितों की ओर से कहा गया था कि क्या यह कोर्ट को इस केस को सुनने का अधिकार है? तब पीड़िता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 142 के तहत इस कोर्ट को ही अधिकृत किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने  5 अगस्त को पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ के केजीएमसी से दिल्ली एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया था जिसके बाद पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया। यह मामला पहले यूपी में चल रहा था। 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले के दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है।
मामला 4 जून 2017 का है जब एक नाबालिग लड़की ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया। लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी। इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में हैं। दूसरे आरोपित शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गई। लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ। इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई।

 


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