वेंटीलेटर पर लड़ रही जिंदगी की जंग उन्नाव कांड की आखिरी चश्मदीद किशोरी

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डाक्टरों को नहीं मिले चोट के निशान, कानपुर के निजी अस्पताल में चल रहा इलाज 



कानपुर/उन्नाव, 18 फरवरी (हि.स.)। उन्नाव के असोहा थानाक्षेत्र में तीन बच्चियों के साथ हुई घटना में जीवित आखिरी किशोरी अभी भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। बच्ची का इलाज छह सदस्यीय विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल कर रहा है और अभी उसे एनआईसीयू वार्ड के वेंटीलेटर पर रखा गया है। यह बात गुरुवार को रीजेंसी अस्पताल के जनसम्पर्क अधिकारी परमजीत अरोड़ा ने पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि किशोरी के शरीर पर कोई भी चोट के निशान नहीं मिले हैं। डाक्टर अभी भी यह पता नहीं लगा सके हैं कि किस प्रकार का जहरीला पदार्थ सेवन कराया गया है या कुछ और कारण है। उन्होंने बताया कि किशोरी का इलाज डॉक्टर रश्मि कपूर के साथ छह सदस्यीय टीम द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही पीआईसीयू व एनआईसीयू की टीमें भी लगी हैं। वर्तमान में एनआईसीयू वार्ड के वेंटीलेटर पर किशोरी है और अभी हालत यथास्थिति है।
उन्होंने बताया कि कुछ समय बीतने के बाद हालात में सुधार आने की संभावना है। उन्होंने पल्स रुकने की बात से इंकार किया और किशोरी की दशा में जल्द सुधार का भरोसा जताया है।

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